सावरकर विवाद: फडणवीस ने कसा उद्धव पर तंज, बालासाहेब होते तो बर्दाश्त नहीं करते
नई दिल्ली- महाराष्ट्र में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने हिंदू महासभा के सह-संस्थापक विनायक वीर दामोदर सावरकर के खिलाफ कांग्रेस की आपत्तिजनक बुकलेट की सख्त मुखालफत की है। फडणवीस ने कहा है कि इससे कांग्रेस की 'विकृत मानसिकता' जाहिर होती है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी की पूर्व सहयोगी शिवसेना और उसके नेता उद्धव ठाकरे पर भी उनके पिता का हवाला देकर तीखा हमला बोला है। फडणवीस ने उद्धव का बिना नाम लिया कहा है कि सावरकर के खिलाफ जिस अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, वह बालासाहेब ठाकरे जीते-जी कभी भी बर्दाश्त नहीं करते और अपने अंदाज में उसपर प्रतिक्रिया भी देते।
कांग्रेस ने विकृत मानसिकता दिखाई- फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवा दल की ओर वीर सावरकर के खिलाफ बांटी गई आपत्तिजनक बुकलेट को लेकर पार्टी की जमकर आलोचना की है। फडणवीस ने कहा है कि, 'वीर सावरकर जी बिना किसी संदेह के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और हम सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं। कांग्रेस पार्टी ने वीर सावरकर जी को अपमानित करने वाले और बहुत ही घटिया शब्दों के इस्तेमाल वाली पुस्तिका बांटकर अपनी विकृत मानसिकता दिखाई है। कांग्रेस ने अपने मानसिक दिवालियापन का परिचय दे दिया है।' उन्होंने इसपर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी भरे लफ्जों में आगाह किया है- "मैं कांग्रेस को चेतावनी देता हूं, अगर उसने ये सब करना जारी रखा तो हम उसे उसका स्थान दिखा देंगे.......
बालासाहेब होते तो कभी बर्दाश्त नहीं करते- फडणवीस
फडणवीस ने कहा है कि भाजपा ने इस बुकलेट पर कड़ी आपत्ति जताई है और शिवसेना से इसपर सफाई मांगी है, जो हाल ही में उससे गठबंधन तोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम चुकी है। कांग्रेस की ओर से सावरकर पर बांटी गई बुकलेट को लेकर बवाल मचा हुआ है तो फडणवीस ने इशारों-इशारों में सीधे शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साध दिया है। उन्होंने कहा है- 'बीजेपी कड़ाई से इस पुस्तक की निंदा करती है। हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे जी सावरकर जी के खिलाफ इस तरह के गंदे शब्दों को कभी भी बर्दाश्त नहीं करते। इसपर सबसे पहली प्रतिक्रिया देने वाले वही होते और वो भी उनके अपने अंदाज में। हालांकि, आज हम लोग इसकी उम्मीद नहीं कर सकते, हमें उम्मीद है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की ओर से इस पुस्तक पर तुरंत पाबंदी लगाई जाएगी।'
'सत्ता के लिए कांग्रेस के सामने हथियार डाले'
इतना ही नहीं फडणवीस ने शिवसेना को चुनौती देते हुए कहा है कि, 'हमें शिवसेना से जवाब चाहिए, जिसने कांग्रेस के साथ बेमेल गठबंधन किया है कि वह इस किताब पर सख्त विरोध जताते हुए महाराष्ट्र में इसपर पाबंदी लगाएगी या सत्ता के मोह में हमारे सबसे आदरणीय हस्तियों के अपमान को इसी तरह बर्दाशत करती रहेगी।' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में शिवसेना ने कांग्रेस के सामने हथियार डाल दिए हैं। उनके मुताबिक, 'मुझे हैरानी है कि सत्ता में बने रहने के लिए इस मुद्दे पर शिवसेना कितनी मजबूर और मौन हो चुकी है। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के लिए तो हम सत्ता से भी बाहर आ गए होते। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावर की भगवान की तरह पूजा होती है। आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया। उन्होंने देश के लिए कई और स्वतंत्रता सेनानी तैयार किए। '
महाराष्ट्र में नहीं आएगी किताब-राउत
इससे पहले शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कांग्रेस सेवा दल की ओर से वीर सावरकर पर आपत्तिजनक बुकलेट बांटे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, 'वीर सावरकर एक महान व्यक्ति थे और हमेशा महान रहेंगे। एक वर्ग उनके खिलाफ बातें करता रहता है, ये उनके दिमाग में गंदगी को दर्शाता है।' संजय राउत ने कहा कि ये किताब महाराष्ट्र में नहीं आएगी। संजय राउत ने पहले भी वीर सावरकर को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि हिंदुत्व विचारक के प्रति श्रद्धा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि सावरकर पूरे देश के लिए आदर्श हैं, गांधी-नेहरू की तरह ही उन्होंने भी देश के लिए बलिदान दिया था। ऐसे में प्रत्येक आदर्श को पूजनीय मानना चाहिए।
सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी
दरअसल, भोपाल में कांग्रेस सेवा दल के एक ट्रेनिंग कैंप में पार्टी को ओर से वीर सावरकर पर एक बुकलेट बांटी गई है, जिसमें उनके लिए बहुत ही आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें समलैंगिक ठहराने की कोशिश की गई है। बुकलेट में दावा किया गया है कि वीर सावरकर समलैंगिक थे और उनके नाथूराम गोडसे के साथ शारीरिक संबंध थे। कांग्रेस का दावा है कि लेखक ने सबूतों के आधार पर किताब लिखी है। बहरहाल, ये मामला उजागर होने के बाद से बीजेपी और हिंदू महासभा कांग्रेस के खिलाफ आक्रमक है। हिंदू महासभा ने तो सीधे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ही समलैंगिक बता दिया है।