सऊदी अरब ने दिया पाकिस्तान को तगड़ा झटका, डॉक्टरों की डिग्री की अमान्य, तुरंत देश छोड़ने को कहा
नई दिल्ली-पाकिस्तान इधर आर्टिकल 370 हटाने पर भारत को गीदड़भभकी दे रहा है, उधर सऊदी अरब समेत कई अरब देशों ने उसकी डॉक्टरी की डिग्री को ही अमान्य कर दिया है। यही नहीं सऊदी अरब ने तो अपने यहां काम कर रहे हजारों पाकिस्तानी डॉक्टरों को फौरन बोरिया-बिस्तर समेटकर देश छोड़ने के लिए भी कह दिया है। अरब देशों की ये कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है, जब पाकिस्तान धर्म के नाम पर भारत के खिलाफ मुस्लिम देशों को भड़काने की सोच रहा है।
अरब देशों में पाकिस्तानी एमएस-एमडी की डिग्री अमान्य
पाकिस्तान की फजीहत वाली ये खबर पाकिस्तान के बड़े अखबार डॉन ने ही छापी है। अखबार के मुताबिक सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कहते हुए पाकिस्तानी एमएस और एमडी की डिग्री को अमान्य घोषित कर दिया है कि इसे पुख्ता ट्रेनिंग कराए बिना ही पूरा किया गया है। जबकि, ऊंचे स्तर पर मेडिकल सेवाओं में नियुक्ति के लिए यह बहुत ही अनिवार्य है। सऊदी कमीशन फॉर हेल्थ स्पेशियलिटिज (एससीएफएचएस) की ओर से जारी टर्मिनेशन लेटर में कहा गया है कि, "व्यावसायिक योग्यता के लिए आपका आवेदन खारिज किया जाता है। कारण ये है कि पाकिस्तान से आपकी मास्टर डिग्री एससीएफएचएस के नियमों के अनुसार स्वीकार्य नहीं है।"
तीन और अरब देशों का भी पाकिस्तानी डॉक्टरों पर ऐक्शन
सऊदी अरब के अलावा कतर, यूएई और बहरीन जैसे देशों ने भी वैसा ही कदम उठाते हुए पाकिस्तानी एमएस और एमडी की डिग्री को अमान्य ठहरा दिया है। जबकि प्रभावित पाकिस्तानी डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी इस कार्रवाई का ठीकरा पाकिस्तानी मेडिकल कॉलेजों और उसके डॉक्टरों पर फोड़ रहे हैं। प्रभावित डॉक्टरों की शिकायत है कि मेडिकल कॉलेज वालों की गलती से उनका करियर बर्बाद हो गया है।
इसे भी पढ़ें- आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद बौखलाए पाकिस्तान को भारत की तरफ से पहला मैसेज
पाकिस्तानी डिग्रीधारियों को देश से निकालने की तैयारी
अरब देशों के इस फैसले से हजारों उच्च शिक्षा प्राप्त पाकिस्तानी डॉक्टरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। सऊदी अरब ने तो अधिकतर ऐसे अयोग्य ठहराए गए पाकिस्तानी डॉक्टरों से कहा है कि वे या तो खुद देश छोड़ दें या उन्हें जबरन निकाल दिया जाएगा। ज्यादातर प्रभावित डॉक्टरों को सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2016 में कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में इंटरव्यू के जरिए जॉब दी थी। अली उस्मान नाम के एक ऐसे ही प्रभावित पाकिस्तानी डॉक्टर ने फोन पर कहा कि, "मैंने लाहौर के यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से पांच साल वाली पीजी की योग्यता हासिल की थी, साथ में लाहौर जेनरल हॉस्पिटल में ट्रेनिंग भी की थी....लेकिन सऊदी हेल्थ मिनिस्ट्री ने अचनाक मेरा जॉब कॉन्ट्रैक्ट तोड़कर मुझे और मेरे परिवार को बहुत बड़ा झटका दे दिया है। "
पाकिस्तान की इसलिए हो रही है और भी फजीहत
पाकिस्तान की फजीहत इसलिए और भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि सऊदी अरब और बाकी अरब देश भारत की ऐसी ही डिग्री को पूर्ण मान्यता दे रहे हैं। भारत ही नहीं वहां बांग्लादेश, मिस्र और सुडान जैसे देशों की एमएस और एमडी डिग्री को भी मान्यता मिल रही है। इस कारण से जिन पाकिस्तानी डॉक्टरों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है, उनका मनोबल और भी गिर रहा है। हालांकि पाकिस्तान के मेडिकल यूनिवर्सिटी संगठन से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि उनकी ऊंची डिग्रियों के लिए ये बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि अरब देश जैसा कह रहे हैं, वैसा बिल्कुल नहीं है। उनका दावा है कि यह उनके देश के उच्च शिक्षित और चुनिंदा प्रतिभाशाली डॉक्टरों का अपमान है। इस बीच पाकिस्तान के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों ने भी दावा किया है कि उनके देश की एमएस/एमडी डिग्री प्रोग्राम पूरी तरह से निर्धारित मान्यताओं के अनुरूप है और स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय जरूरतों के मुताबिक है। अब पाकिस्तान इस मसले पर अरब देशों से बातचीत करने की कोशिश में लग गया है।
इसे भी पढ़ें- आर्टिकल 370 पर बोलने वाले लद्दाख के युवा सांसद के साथ फेसबुक पर हुई यह घटना