सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल बन सकते हैं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है। ऐसा जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन के बाद हो रहा है, जो 31 अक्टूबर से लागू होगा। मामले की जानकारी रखने वालों ने ये बात कही है।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि 73 वर्षीय जम्मू-कश्मीर राज्यपाल सत्यपाल मलिक, दोनों केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल बन सकते हैं। बेशक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में भी दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अलग-अलग उपराज्यपाल की बात कही गई है। एक सूत्र का कहना है कि मलिक के अंतरिम उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभालने की संभावना है। जब तक सरकार दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उपराज्यपाल के नाम का एलान नहीं कर देती।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता का कहना है, 'इस बात पर चर्चा हुई है कि कौन इस पद के लिए सबसे ठीक रहेगा, चाहे वह राजनेता हो या पूर्व सरकारी अधिकारी। हालांकि, अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय गृह और रक्षा मंत्रालयों के परामर्श से लेगा।' कार्यकर्ता ने कहा कि इस मामले में मलिक के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठकें की हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य शख्स का कहना है कि मलिक को अगस्त 2018 से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल रहने से कुछ अनुभव प्राप्त हुआ है। जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भाजपा की गठबंधन सरकार गिर गई थी। पहचान ना बताने की शर्त पर इस दूसरे शख्स ने कहा, 'एक संभावना है कि निरंतरता के लिए, उन्हें उपराज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। क्योंकि उपराज्यपाल और राज्यपाल की शक्तियां समान हैं। उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया जाना उनके लिए पद कम होने जैसा नहीं होगा।'
इस व्यक्ति ने कहा कि लद्दाख को लेकर कुछ साफ नहीं है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दोनों केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल के पद के लिए एक ही शख्स को नियुक्त किया जाए। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुडुचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश होगा, जिसमें एक विधान सभा और मंत्रीपरिषद होगी। अधिनियम के अनुसार, जेएंडके असेंबली जो भी बिल पास करेगी, उन्हें सहमति के लिए उपराज्यपाल के पास भेजना होगा।