चीन की सेना ने लद्दाख की पैंगोंग झील के आसपास लगा लिए हैं टेंट, देखिए तस्वीरें
लेह। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव को पूरे एक माह हो चुके हैं। आज दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल मसले को सुलझाने के लिए लद्दाख के चुशुल में मुलाकात करने वाले हैं। इस वार्ता के बीच ही कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें साफ नजर आ रहा है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंगे त्सो की यथास्थिति में बदलाव कर डाला है। इन सैटेलाइट तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि चीनी सेना ने झील के उत्तरी किनारे पर के इलाकों में अपने टेंट लगा लिए हैं।
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27 मई को सामने आईं तस्वीरें
यह तस्वीरें 27 मई को सामने आई हैं और इन्हें प्लैनेट लैब की तरफ से रिलीज किया गया है। इन तस्वीरों के अध्ययन से साफ होता है कि चीनी सेना ने न सिर्फ फिंगर 8 से फिंगर 4 तक की स्थिति में बदलाव किया है बल्कि उसने क्षेत्र में एलएसी वाले इलाकों में ढांचें तक तैयार कर लिए हैं। इस इलाके में सेना की बटालियन को कमांड कर चुके कर्नल (रिटायर्ड) एस डिनी की मानें तो इन सैटेलाइट तस्वीरों से साफ है कि चीन ने उस ढांचे को यहां तैयार कर लिया है जो यहां पर पहले था ही नहीं। उनका कहना है कि फिंगर 4 से फिंगर 8 तक इस इंफ्रास्ट्रक्चर का होना सामान्य बात नहीं है।
फिंगर 4 पर चीनी टेंट
कर्नल डिनी के मुताबिक चीनी सेना ने यहां पर पहले भी टेंट लगाए हैं लेकिन इस स्तर पर कभी आक्रामकता नहीं देखी गई थी। जो इंफ्रास्ट्रक्चर यहां नजर आ रहा है, उससे साफ है कि अच्छी-खासी संख्या में चीनी जवानों को यहां पर लाया जा सकता है। प्लानेट लैब्स की तरफ से आईं इन तस्वीरों में पैंगोंग झील के उत्तर में स्थित फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच कई टेंट्स नजर आ रहे हैं। लद्दाख में पिछले एक माह से जारी तनाव की असल वजह यही है। पैंगोंगल झील के करीब स्थित पहाड़ों को फिंगर 1 से 8 तक नाम दिए गए हैं। ये पश्चिम से लेकर पूर्व तक हैं। भारत का मानना है कि एलएसी फिंगर आठ तक है मगर चीन सिर्फ फिंगर 4 तक ही इसे स्वीकार करता है।
आगे नहीं जा पा रहे भारतीय जवान
फिंगर 4 से 8 तक का फासला करीब आठ किलोमीटर का है। कर्नल इसका मतलब चीनी सेना भारतीय सीमा के आठ किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो गई है। भारत के पास फिंगर 3 और फिंगर 2 पर एक पूरी पोस्ट है और फिंग 3 और फिंगर 4 पर प्रशासनिक बेस है जिसे पेट्रोलिंग के लिए प्रयोग किया जाता है। फिंगर 8 के दूसरी तरफ चीनी सेना का बेस है। अभी तक फिंगर 4 और फिंगर 8 पर कोई भी निर्माण नहीं था और टेंट के साथ ही किसी तरह को कोई ढांचा भी यहां पर नहीं था। चीनी सेना फिंगर 4 पर मौजूद है और वह भारतीय सेना के जवानों को फिंगर 4 से आगे नहीं जाने दे रही है।
क्या है फिंगर 4 और फिंगर 8
फिंगर 8 के दूसरी पर चीन की बॉर्डर पोस्ट्स हैं। जबकि वह मानती है कि एलएसी फिंगर 2 से गुजरती है। करीब छह साल पहले चीन की सेना ने फिंगर 4 पर स्थायी निर्माण की कोशिश की थी। इसे बाद में भारत की तरफ से हुए कड़े विरोध के बाद गिरा दिया गया था। फिंगर 2 पर पेट्रोलिंग के लिए चीन की सेना हल्के वाहनों कार प्रयोग करती है और यहीं से वापस हो जाती है। गश्त के दौरान अगर भारत की पेट्रोलिंग टीम से उनका आमना-सामना होता है तो उन्हें वापस जाने को कह दिया जाता है। फिंगर 5 पर हुआ था झगड़ा भारत की सेना पैदल गश्त करती है और हालिया तनाव के दौरान गश्त को फिंगर आठ तक बढ़ाया गया है। मई के माह में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फिंगर 5 के इलाके में झगड़ा हुआ है। इसकी वजह से दोनों पक्षों में असहमति बनी हुई है।
तीन हिस्सों में बंटी LAC एलएसी
तीन सेक्टर्स में बंटी हुई है जिसमें पहला है अरुणाचल प्रदेश से लेकर सिक्किम तक का हिस्सा, मध्य में आता है हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का हिस्सा और पश्चिम सेक्टर में आता है लद्दाख का भाग। भारत, चीन के साथ लगी एलएसी करीब 3,488 किलोमीटर पर अपना दावा जताता है, जबकि चीन का कहना है यह बस 2000 किलोमीटर तक ही है। एलएसी दोनों देशों के बीच वह रेखा है जो दोनों देशों की सीमाओं को अलग-अलग करती है। दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर अपने-अपने हिस्से में लगातार गश्त करती रहती हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच झील के विवादित हिस्से पर पहले भी कई बार झड़प हो चुकी है।