जाधव पर आए ICJ के फैसले पर सरबजीत सिंह की बहन खुश, कहा मेरा भाई भी बच सकता था
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद इंडियन नेवी के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव के केस ने देश को सरबजीत सिंह की याद दिला दी है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव को मिली फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। इस मामले पर सरबजीत की बहन दलबीर कौर की भी प्रतिक्रिया आई है। दलबीर ने इस फैसले को भारत सरकार की एक बड़ी जीत करार दिया है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि जाधव के साथ अब वह नहीं होगा जो उनके भाई के साथ हुआ था।
पीएम मोदी को दिया श्रेय
बुधवार को आईसीजे के फैसले के बाद दलबीर कौर ने कहा कि नीदरलैंड के हेग में मिली इस जीत का पूरा श्रेय सिर्फ मोदी सरकार को है। न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बात करते हुए दलबीर कौर ने कहा, 'यह भारत के लिए बहुत बड़ी जीत है और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईसीजे में केस को प्रभावी तरीके से पेश करने के लिए बधाई देती हूं। उन्होंने जाधव को मिली सजा पर रोक लगवाने में कामयाबी हासिल की है। यह बहुत अहम है क्योंकि अब जाधव को अपना केस लड़ने के लिए वकील मिल सकता है।' दलबीर ने आगे कहा कि जिस समय उनके भाई जेल में बंद थे तो उस समय की सरकार प्रभावी तरीके से एक्शन लेने में पूरी तरह से नाकाम रही। अगर सरकार ने सही समय पर उचित एक्शन लिया होता तो शायद उनके भाई भी आज जिंदा होते।
यूपीए सरकार पर लगाया आरोप
उन्होंने बताया कि अपने भाई के लिए उन्होंने सरकार से अपील की थी कि वह आईसीजे में जाए क्योंकि सरबजीत के केस में कई गलतियां थीं। दलबीर ने आरोप लगाया कि उस समय की सरकार ने सरबजीत के केस में सही तरह से कार्रवाई नहीं की। सरबरजीत सिंह को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सन् 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए ब्लास्ट्स का दोषी माना था। इसके बाद उन्हें कोर्ट ने सजा सुनाई थी। दो मई 2013 को जेल में साथी कैदियों ने उन पर हमला किया था। इस हमले में उनकी मौत हो गई थी। उनके परिवार ने हमेशा कहा कि सरबजीत गलती से सीमा पार करके पाकिस्तान पहुंच गए थे। उन पर ब्लास्ट्स में शामिल होने का जो आरोप लगा था वह बस एक मिस्टेकन आईडेंटीटी का केस था।