शारदा घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा- बंगाल पुलिस की अवमानना का विवरण हलफनामे में दें
नई दिल्ली। शारदा चिट फंड घोटाले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। जिसमें पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों और कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार द्वारा कथित अवमानना के बारे में विवरण प्रदान किया गया, जो शारदा घोटाले में कथित रूप से जांच में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को निर्देश दिया कि कुमार द्वारा कॉल डेटा रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और सबूते को नष्ट करने जैसी जानकारी दी जाए, जो इस मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम को लीड कर रहे थे। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि है कि सीबीआई की ओर से लगाए गए आरोप काफी गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इसी के साथ कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 26 मार्च की तारीख तय की है।बता दें कि को घोटाले की जांच कर रही उसकी टीम को कथित तौर पर बंधक बना लिया गया था जब अधिकारी कुमार से पूछताछ करने गए थे। इसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से रूख किया है।
मंगलवार को सौंपे गए एक हलफनामे में, सीबीआई ने आरोप लगाया कि 2009 में केंद्र ने पश्चिम बंगाल को चिट फंड कंपनियों द्वारा लोगों को धोखा देने की संभावना के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और इसे जारी रखने की अनुमति दी। एजेंसी ने घोटाले के पीछे एक बड़ी साजिश की ओर से भी इशारा किया है। और इसको दबाने के लिए उसने उदाहरण भी दिए हैं। जिसमें पहला टीवी चैनल को दिया गया 6.21 करोड़ रुपये, जो सारदा समूह का हिस्सा है, और टीएमसी द्वारा संचालित एक अखबार द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के फोटो की बिक्री 6.5 करोड़ रुपए है।
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