शारदा घोटाला-बर्धवान ब्लास्ट: क्या मोदी सरकार ने TMC को दे दी क्लीन चिट?
नयी दिल्ली। संसद का आज का दिन भी हंगामेदार रहा। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कोलकाता की रैली में कही गई बात को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने सदन में खूब हंगामा किया। शारदा घोटाले के पैसे का आंतकियों गतिविधियों में इस्तेमाल की बात पर टीएमसी सांसद अमित शाह से माफी की मांग करते रहे।
वहीं राज्यमंत्री जीतेन्द्र सिंह द्वारा लिखित जवाब ने टीएमसी को उछलने का और मौका दे दिया। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि शारदा चिटफंड के पैसों का आंतकी गतिविधयों में इस्तेमाल होने कोई सबूत अब तक नहीं मिले हैं। हलांकि उन्होंने भी कहा कि भी जांच जारी है। लेकिन सवाल ये कि क्या केंद्र सरकार ने टीएमस को शारदा घोटाले और बर्धवान ब्लास्ट से क्लीन चिट दे दी हैं?
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मंत्री का ये बयान क्या ये इशारा करता है कि शारदा घोटाले और बर्धवान ब्लास्ट में टीएमसी को क्लीन चिट मिल सकती है? ये बात को उस वक्त ही साबित हो पाएंगी जब जांच ऐजेंसियां अपना रिपोर्ट सौंपेगी। हलांकि आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय और एनआईए ने इस बात से अब तक इंकार नहीं किया है कि शारदा घोटाले का पैसा बंग्लादेश ट्रांसफर किया गया था।
बंग्लादेश का नजरिया
19 सितंबर को बंग्लादेश की ओर से भारत को ये संदेश भेजे गए थे कि शारदा स्कैम का पैसा बंग्लादेश में ट्रांसफर किया गया है। बंग्लादेश ने तो साफ-साफ कहा था कि इस पैसे का इस्तमाल आंतकी गतिविधियों में किया जा रहा हैं। उसने आंतकी संगठन जमात-ए-इस्लामी का नाम लेते हुए कहा था कि शारदा घोटाले का पैसा उनकी जमीं पर आतंकवाद को बढ़ाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं उसने भारत को साफ-साफ शब्दों में कहा था कि शारदा घोटाले का पैसा इस्लामिक बैंक और बंग्लादेश के जरिया यहां पहुंचा है। इस पैसा के इस्तेमाल उनकी जमीं पर आंतकवाद को बढ़ावा देने में किया जा रहा है। बंग्लादेश के मुताबिक 5 जनवरी को हुए चुनावों में खलल पैदा करने के लिए भी इन पैसों का इस्तेमाल किया गया।
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एनएसए से मुलाकात
अपनी जमीं पर इस घोटाले के पैसे से आंतकवाद को बढ़ावा मिलने से भयभीत बंग्लादेशी विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने दिल्ली में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोवल से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने अपनी चिंता एनएसए को बताई और कहा कि शारदा घोटाले के पैसे का इस्तेमाल आंतकी गतिविधियों को बढ़ाने में किया जा रहा है।
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क्या कहती हैं भारतीय सुरक्षा एजेंसियां
भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पहली बार टीएमसी के सांसद अहमद हसन इमरान पर शक जाहिर करते हुए उनपर बंग्लादेशी आतंकियों को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया था। अहमद हसन का नाम शारदा घाटाले में शामिल है। जांच ऐजेंसियों ने साफ-साफ कहा है कि इस बात में कोई संदेह नहीं कि शारदा घोटाले के पैसे का कुछ हिस्सा बंग्लादेश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया गया हैं।
साबित करने में लग रहा है वक्त
सारदा घोटाले और बर्धवान ब्लास्ट के तार जोड़ने में जांच एजेंसियों को वक्त लग रहा हैं। एनआईए और ईडी के साछ सीबीआई को इस तार को जोड़ने में कुछ और वक्त लग सकता है। ये वक्त इसलिए भी लंबा होता जा रहा है क्योंकि टीएमसी के सांसद इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। एनआईए के मुताबिक इस जांच में अभी 5 महीनों का वक्त और लग सकता है। जांच एजेंसियां किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले बंग्लादेश द्वारा दिए गए आंकड़ों पर भी विचार करेंगी।