पीएम जो भी फैसला लेते हैं, सभी दल उनके साथ हैं, लेकिन वो बताएं सीमा पर क्या गलत हुआ है: संजय राउत
नई दिल्ली। भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में देश के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं। जवानों के बलिदान के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि आखिर क्यों हमारे प्रधानमंत्री चुप हैं और छिप रहे हैं। वहीं अब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भी जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री से सवाल किया है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश के लोगों को य ह बताना चाहिए कि सीमा पर आखिर क्या गलत हुआ है। राउत ने कहा कि सीमा पर जो कुछ हुआ है उसके लिए हम जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी या राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। हम सभी 20 जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री जो भी फैसला लेंगे सभी दल उनका समर्थन करेंगे, लेकिन उन्हें लोगों को यह बताना चाहिए कि सीमा पर आखिर क्या गलत हुआ है।
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इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि आखिर क्यों देश के प्रधानमंत्री चुप हैं, आखिर वो छिप क्यों रहे हैं। अब बहुत हुआ, हमे ये जानना है कि आखिर क्या हुआ है। आखिर चीनी सैनिकों की भारत के सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे हुई। आखिर कैसे उनकी हिम्मत हो गई कि उन्होंने हमारी जमीन को ले लिया। मंगलवार को जवानों की शहादत के बाद ट्वीट करके राहुल ने दुख जाहिर किया था और कहा था कि मैं अपने दुख को शब्दों में बयान नहीं कर सकता। जिन अधिकारियों और जवानों ने देश के लिए बलिदान दिया है, उनके लिए मैं अपने दर्द को शब्दों में बयान नहीं कर सकता। इनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है, हम इस मुश्किल समय में आपके साथ खड़े हैं। बता दें कि भारत-चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात हुई झड़प में देश के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं।
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक हमले में भारतीय सेना के जवानों की शहादत से पूरे देश में गुस्सा है। भारतीय सूत्रों के मुताबिक चीन के भी 43 जवान मारे गए हैं या तो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। शुरुआत में, भारतीय सेना ने कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक मारे गए। बाद में भारतीय सेना ने बयान में बताया कि 15-16 जून की रात भारत-चीन की झड़प हुई थी, लाइन ऑफ ड्यूटी पर 17 भारतीय टुकड़ियां जख्मी हुई हैं। वहीं, उप-शून्य तापमान में हमारे जवान देश की सुरक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हुए हैं, जिनकी संख्या 20 है। भारतीय सेना राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
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