'अगर बाबरी तोड़ी न गई होती तो रामजन्मभूमि की नींव भी न रखी जाती': फैसला आने पर संजय राउत
नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी मीडिया से बात करते हुए न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, 'कोर्ट का फैसला कहता है कि बाबरी का विध्वंस साजिश नहीं था बल्कि अचानक हो गया था। हमें अब वह घटना भूल जानी चाहिए। अगर बाबरी तोड़ी न गई होती तो रामजन्मभूमि की नींव भी न रखी जाती।' बता दें कि 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस घटना को अंजाम दिया गया था।
संजय राउत ने कहा, 'मैं और मेरी पार्टी शिवसेना, फैसले का स्वागत करते हैं और आडवाणी जी, मुरली मनोहर जी, उमा भारती जी और मामले में बरी हुए लोगों को बधाई देते हैं। न्यायालय ने जो कहा है कि ये कोई साजिश नहीं थी, हमने ऐसे ही फैसले की अपेक्षा की थी। हमें उस एपिसोड को भूल जाना चाहिए,अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है। अगर बाबरी का विध्वंस नहीं होता तो आज जो राम मंदिर का भूमिपूजन हुआ है वो दिन हमें देखने को नहीं मिलता।'
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ये
लोग
हुए
आरोप
मुक्त
आपको
बता
दें
कि
सीबीआई
कोर्ट
की
ओर
से
बरी
किए
गए
आरोपियों
में
लालकृष्ण
अडवाणी,
मुरली
मनोहर
जोशी,
कल्याण
सिंह,
विनय
कटियार,
महंत
नृत्य
गोपाल
दास,
उमा
भारती,
महंत
धर्मदास,
डॉ.
रामविलास
वेदांती,
चंपत
राय,
सतीश
प्रधान,
पवन
कुमार
पांडे,
लल्लू
सिंह,
प्रकाश
शर्मा,
विजय
बहादुर
सिंह,
संतोष
दुबे,
गांधी
यादव,
रामजी
गुप्ता,
ब्रज
भूषण
शरण
सिंह,
कमलेश
त्रिपाठी,
रामचंद्र
खत्री,
जय
भगवान
गोयल,
ओम
प्रकाश
पांडे,
अमर
नाथ
गोयल,
जयभान
सिंह
पवैया,
महाराज
स्वामी
साक्षी,
विनय
कुमार
राय,
नवीन
शुक्ला,
आरएन
श्रीवास्तव,
आयार्च
धर्मेंद्र
देव,
सीधर
कुमार
कक्कड़
और
धर्मेंद्र
सिंह
गुर्जर
शामिल
हैं।
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