महाराष्ट्र: संजय राउत बोले- सरकार बनाने के लिए हमें कम वक्त मिला, ये राष्ट्रपति शासन लगाने की बीजेपी की चाल
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान में रविवार को नया मोड़ आ गया जब भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सरकार बनाने से इनकार कर दिया। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है। वहीं, बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से इनकार करने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत का बयान आया है।
संजय राउत ने कहा कि ये भाजपा का अहंकार है कि वे महाराष्ट्र में सरकार बनाने से इनकार कर रहे हैं। यह महाराष्ट्र के लोगों का अपमान है। संजय राउत ने कहा कि बीजेपी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे 50-50 के फॉर्मूले को मानने को तैयार नहीं हैं, जिसके लिए वे चुनाव से पहले सहमत थे। वहीं, शिवसेना को सरकार बनाने के न्योते पर राउत ने कहा, 'अगर गवर्नर ने हमें अधिक समय दिया होता तो ये आसान होता। बीजेपी को 72 घंटे दिए गए, हमें कम समय दिया गया है। ये राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बीजेपी की रणनीति है।'
इसके पहले, रविवार को महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और देवेंद्र फडणवीस रविवार शाम गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने राजभवन पहुंचे थे। राज्यपाल से मिलने के बाद मीडिया को संबोधित हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'राज्य में गठबंधन को जनादेश मिला, लेकिन शिवसेना ने जनादेश का अनादर किया और सरकार नहीं बनाई। अब अकेले बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी, हमने राज्यपाल को बता दिया है।'
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Sanjay Raut, Shiv Sena: It is BJP's arrogance that they are refusing to form govt in Maharashtra. It is an insult to the people of Maharashtra. They are willing to sit in opposition, but they are reluctant to follow the 50-50 formula, for which they agreed before polls. pic.twitter.com/8fdgExDU7y
— ANI (@ANI) November 11, 2019
पाटिल ने शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा कि, शिवेसना को जनादेश का अपमान कर अगर कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनाना है तो हमारी शुभकामनाएं। जबकि, बीजेपी द्वारा सरकार बनाने में असमर्थता जताने के बाद राज्यपाल ने दूसरे सबसे बड़े दल शिवसेना को न्योता दिया है। दूसरी तरफ, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने शिवसेना को साफ किया है कि अगर उनका समर्थन चाहिए तो शिवसेना को केंद्र में एनडीए से अलग होना पड़ेगा और अपने मंत्री से इस्तीफा देने को कहना होगा। इस बदले राजनीतिक समीकरणों के बीच, शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान भी कर दिया है।