समझौता ब्लास्ट केस: असीमानंद समेत सभी आरोपी एनआईए कोर्ट से बरी
पंचकुला। समझौता एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट के मामले में पंचकुला की स्पेशल एनआईए अदालत ने असीमानंद समेत चारों अभियुक्तों को बरी कर दिया है। असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को अदालत ने बरी किया है। 8 फरवरी 2007 को दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के पास बम धमाका हुआ था, जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में ये चारो आरोपी थे।
एनआई अदालत ने इससे पहले समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पाकिस्तानी महिला राहिला वकील की पाकिस्तान से गवाह पेश करने की याचिका भी खारिज कर दी। राहिला ने वकील मोमिन मलिक के जरिए 11 मार्च को अर्जी दायर की थी। महिला ने अर्जी में दावा किया था कि इस मामले में गवाही देने के लिए पाकिस्तान में लोग मौजूद हैं और वह उन्हें अदालत में पेश होने की इजाजत दी जाए। एनआईए की विशेष अदालत ने राहिला की याचिका को खारिज कर दिया।
दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 68 लोग मारे गए थे। मरने वालों में ज्यादा लोग पाकिस्तान के थे जबकि भारत के भी कई लोगों की जान गई थी। 2001 के संसद हमले के बाद से बंद की गई ट्रेन सेवा को जनवरी 2004 में फिर से बहाल किया गया था। 19 फरवरी को जीआरपी/एसआईटी हरियाणा पुलिस ने मामले को दर्ज किया और करीब ढाई साल के बाद 29 जुलाई 2010 को एनआईए को जांच सौंपी गई।
एनआईए अदालत ने इस मामले में जनवरी 2014 को स्वामी असीमानंद, कमल चौहान, राजेंद्र चौधरी व लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए थे। असीमानंद को अदालत से अगस्त 2014 में जमानत मिल गई थी। इस मामले में बहस छह मार्च को खत्म होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार (20 मार्च) को फैसला आया है।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट की साजिश ऐसे रची गई थी