पालघर Mob Lynching पर संबित पात्रा ने उठाए सवाल, घटनास्थल पर ये नेता क्या कर रहे थे?
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर में संतों की निर्मम हत्या के बाद उद्धव सरकार चौतरफा घिरते हुए नजर आ रही है। वहीं, पूरे देश में इस वारदात के खिलाफ गुस्सा भी देखा जा रहा है। इस घटना में अब सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसको नया ऐंगल जोड़ा है। पात्रा ने सुनील देवधर के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए इसे गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'स्थानीय लोगों के अनुसार वो शख़्स शरद पावर जी के NCP का ज़िला पंचायत सदस्य काशीनाथ चौधरी है। उसके साथ विष्णु पातरा, सुभाष भावर और धर्मा भावर ये तीन CPM के पंचायत सदस्य भी वहीं थे।'
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भाजपा नेता के इसी को रिट्वीट करते हुए संबित पात्रा ने लिखा, " पालघर मॉब लिंचिंग केस में ये बहुत बड़ा खुलासा है और ये किसी गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। जहां पर ये केस हुआ वहां राजनीतिक पार्टियों के नेता क्या कर रहे थे और सुनील देवधर जिन पार्टियों के नेता वहां मौजूद थे वो सभी भगवा से नफरत करने वाले हैं। उधर, कवि कुमार विश्वास ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे महाराष्ट्र सरकार के माथे पर कलंक करारा दिया। कुमार ने ट्वीट कर लिखा, 'महाराष्ट्र शासन के माथे पर कलंक है #Palghar की लोमहर्षक घटना ! छत्रपति महाराज शिवाजी की धरा पर मित्रता-शत्रुता से ऊपर उठ चुके साधुओं को अगर उन्मादी जाहिल भीड़ घेर कर मार दे तो यह उस ऐतिहासिक परम्परा पर धब्बा है जिसमें शत्रुपक्ष की महिलाओं तक को आदर दिया जाता है। भीषण दंड मिले।'
Very important revelations in the #PalgharMobLynching case
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 20, 2020
It clearly establishes a deep nexus!
Why should politicians & leaders be present at the Lynching site ..what were they doing ..Instigating??
And @Sunil_Deodhar ji the parties whose leaders were present are Saffron Haters! https://t.co/vb2RuWkoyF
क्या कहा सुनील देवधर ने
सुनील देवधर के मुताबिक आदिवासी कभी भगवाधारी पर हमला नहीं कर सकते। आरएसएस के लंबे समय तक प्रचारक रहे और महाराष्ट्र के मूल निवासी सुनील देवधर इन दिनों त्रिपुरा के प्रभारी होने के साथ आंध्र प्रदेश के सह प्रभारी हैं। सुनील देवधर ने सोमवार को इसको लेकर कई ट्वीट भी किए। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, "आदिवासी कभी भगवाधारी पर हमला कर नहीं सकते।
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पालघर की हत्याएं चोर नहीं बल्कि साधु हैं, यह जान कर ही की गई। वर्षों से वामपंथियों का गढ़ रहे इस दहानू क्षेत्र का एमएलए भी सीपीएम-एनसीपी गठबंधन का है। हमलावरों को आदिवासी नहीं बल्कि मार्क्सवादी हत्यारे कहना ही उचित होगा।" सुनील देवधर ने मॉब लिंचिंग के वायरल हुए वीडियो में एनसीपी और सीपीएम के नेताओं के मौजूद होने की बात कही।