Palghar Mob Lynching: संबित पात्रा ने महाराष्ट्र पुलिस पर खड़े किए सवाल, उद्धव सरकार से मांगा जवाब
नई दिल्ली: पालघर मॉब लिंचिंग की घटना के बाद सियासत गरमा गई है। एक ओर महाराष्ट्र सरकार घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देकर मामला शांत कराने की कोशिश कर रही है, तो वहीं विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाने में जुटे हैं। बीजेपी ने इस घटना का शर्मनाक बताया है। साथ ही महाराष्ट्र पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए उद्धव सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अब तक पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि महाराष्ट्र के पालघर में दो संत और उनके ड्राइवर को बड़ी ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना पर सारे लिबरल पूरी तरह से खामोश हैं। कोई लोकतंत्र या संविधान की दुहाई नहीं दे रहा है। देंगे क्यों ये तो संतों की मृत्यु है, कौन पूछता है संतों को। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र के पालघर से एक ह्रदयविदारक वीडियो सामने आया है। जिसमें बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि पुलिस न केवल अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है, साथ ही बेचरे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है। आखिर महाराष्ट्र में ये क्या हो रहा है।
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वहीं तीसरे ट्वीट में उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे़ किए। उन्होंने लिखा कि पालघर में कोई एक या दो पुलिसकर्मी नहीं थे। वहां पर पूरी पुलिस फौज होते हुए ये लिंचिंग हुई। ऐसे में आखिर क्या मजबूरी थी कि उनकी आंखों के सामने ये जघन्य अपराध होने दिया गया। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को बहुत जवाब देना है। संबित पात्रा के साथ ही कपिल मिश्रा ने भी वीडियो शेयर करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा था।
पालघर में कोई 1 या 2 पुलिस वाले नहीं थे जैसा कुछ विडीओ में लग रहा है ..पूरी पुलिस फ़ौज के होते हुए ये लंचिंग हुई है।
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 19, 2020
यह सोचने के लिए बाध्य करती है की पुलिस को ऐसी क्या मजबूरी थी की उनके आँखो के सामने ये जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया?
महाराष्ट्र सरकार को बहुत कुछ का जवाब देना है। pic.twitter.com/E52dLoN22N
क्या
है
पूरा
मामला?
दरअसल
महाराष्ट्र
के
पालघर
में
गुरुवार
को
ग्रामीणों
ने
तीन
लोगों
को
चोर
समझकर
पीट-पीटकर
मार
डाला।
मृतकों
की
पहचान
35
वर्षीय
सुशीलगिरी
महाराज,
70
वर्षीय
चिकणे
महाराज
कल्पवृक्षगिरी
और
30
वर्षीय
निलेश
तेलगड़े
के
रूप
में
हुई
है,
निलेश
साधुओं
का
ड्राइवर
था।
ये
तीनों
लोग
मुंबई
से
सूरत
किसी
की
अंत्येष्टि
में
शामिल
होने
जा
रहे
थे।
पालघर
जिले
के
एक
गांव
में
100
से
ज्यादा
लोगों
की
भीड़
इन
पर
टूट
पड़ी।
ग्रामीणों
ने
पुलिस
की
गाड़ी
पर
भी
हमला
किया
था,
बताया
गया
है
कि
इस
पूरे
इलाके
में
कुछ
दिनों
से
बच्चा
चोर
गिरोह
की
अफवाह
फैली
हुई
थी।
बस
लोगों
ने
इन्हें
इसी
गिरोह
से
संबंधित
समझा
और
बिना
सोचे
समझे
हमला
करना
शुरु
कर
दिया
और
तीनों
को
पीट-पीटकर
मार
डाला।