इमरजेंसी को लेकर सपा सांसद आजम खान का लोकसभा में बड़ा बयान
आज स्थिति ये है कि इंसान, इंसान कहने का भी हक नहीं रखता। इससे कहीं बेहतर होता, अगर कुत्ता हो जाता या बिल्ली हो जाता।
नई दिल्ली। इमरजेंसी के 44 साल पूरे होने पर मंगलवार को मोदी सरकार और विपक्ष के बीच संसद में जमकर बयानों के तीर चले। राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा में इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि जो-जो भी इस पाप के भागीदार थे, ये दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार इसलिए स्मरण करने की जरूरत है ताकि फिर कोई ऐसा पाप न कर सके। वहीं, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और यूपी की रामपुर लोकसभा सीट से सांसद आजम खान ने बी इमरजेंसी को लेकर एक बड़ा बयान दिया।
'आज इंसान, इंसान कहने का भी हक नहीं रखता'
आजम खान ने इमरजेंसी के 44 साल पूरे होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'इमरजेंसी के हालात बुरे थे, लेकिन आज जो देश के हालात हैं, उससे कहीं बेहतर थे। सरकार और उसके लोग कहते हैं कि जो लोग वंदे मातरम नहीं कहेंगे, उन्हें देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं इसीलिए कहता हूं कि इमरजेंसी एक बुरा दौर था लेकिन आज की स्थिति उससे भी कहीं बुरे दौर में है। देश के हालातों को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जो कहा है, वास्तव में हालात उससे भी खराब हैं। आज स्थिति ये है कि इंसान, इंसान कहने का भी हक नहीं रखता। इससे कहीं बेहतर होता, अगर कुत्ता हो जाता या बिल्ली हो जाता। ममता बनर्जी ने तो काफी कम सहन किया है, वास्तविक स्थिति उससे कहीं ज्यादा दयनीय है। वो तो केवल अपने राज्य का जिक्र कर रही हैं, लेकिन कष्ट तो कई दूसरे राज्यों में भी है।'
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'बताओ देश में आपातकाल किसने लगाया'
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इमरजेंसी का जिक्र कर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कल कांग्रेस नेता गिना रहे थे किसने किया, किसने किया, आज 25 जून है बताओ देश में आपातकाल किसने लगाया। पीएम मोदी ने इमरजेंसी को लेकर कहा कि आज हमें कोसा जा रहा है कि हमने फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। ये इमरजेंसी नहीं है कि किसी को भी जेल में डाल दिया जाए, ये लोकतंत्र है। ये काम न्यायपालिका का है। हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिलती है तो वो इंजॉय करे। हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे। पीएम मोदी ने इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि आज 25 जून है, 25 जून की वो रात जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है। किसी की सत्ता चली न जाए सिर्फ इसके लिए, उस आत्मा को कुचल दिया था।
'जो कुरान में लिखा है, हम उसी का समर्थन करेंगे'
आपको बता दें कि आजम खान यूपी की रामपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं। इससे पहले तीन तलाक बिल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आजम खान ने कहा था, 'इस मामले पर हमारा रुख स्पष्ट है। जो कुरान में लिखा है, हम केवल उसी का समर्थन करते हैं। किसी भी दूसरे धर्म ने महिलाओं को इस्लाम से ज्यादा अधिकार नहीं दिए हैं। 1500 साल पहले इस्लाम पहला ऐसा धर्म था, जिसने महिलाओं को समानता का अधिकार दिया था। आज इस्लाम धर्म में ही सबसे कम तलाक की दर और महिलाओं पर हिंसा के सबसे कम मामले आते हैं। इस्लाम में महिलाओं को जलाया या मारा नहीं जाता। तीन तलाक धर्म से जुड़ा हुआ एक मुद्दा है, नाकि कोई राजनीतिक मुद्दा और एक मुसलमान के लिए कुरान से ऊपर कुछ भी नहीं है। शादी को लेकर, तलाक को लेकर, हर चीज के लिए कुरान में स्पष्ट निर्देश हैं और हम इसका पालन करते हैं।'
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