कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेस के 'असंतुष्टों' पर मुखर हुए सलमान खुर्शीद, बोले- जो अंधे नहीं हैं....
नई दिल्ली- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने बिना लिए कांग्रेस के असंतुष्टों पर हमला बोल दिया है। बिहार चुनाव को लेकर कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने पार्टी की नीतियों पर सीधे सवाल उठाए हैं। वह कह चुके हैं कि उनके जैसे लोगों के लिए पार्टी में बोलने के लिए कोई मंच नहीं छोड़ा गया है, इसलिए उन्हें मीडिया में अपनी बातें कहनी पड़ रही हैं। हालांकि, उन्होंने कभी भी सोनिया गांधी या राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है। इस तरह अब सलमान खुर्शीद ने पार्टी में नेतृत्व संकट जैसी बातें कहने वाले असंतुष्टों को निशाने पर लिया है।
Recommended Video
सलमान खुर्शीद कांग्रेस के उन नेताओं में से रहे हैं, जिनकी राजनीति गांधी परिवार से शुरू होकर गांधी परिवार तक ही खत्म हो जाती है। अब असंतुष्टों को लपेटते हुए उन्होंने कहा है कि पार्टी में नेतृत्व संकट नहीं है और सोनिया गांधी और राहुल गांधी को चौतरफा समर्थन, 'जो अंधे नहीं हैं, उनके लिए स्पष्ट है। " जाहिर है कि अगस्त महीने में ही कपिल सिब्बल समेत 23 नेता पार्टी में नेतृत्व संकट की बात कह चुके हैं। सिब्बल बार-बार दोहरा चुके हैं कि सोनिया अंतरिम अध्यक्ष हैं और राहुल पद छोड़ चुके हैं, लेकिन इसके चलते पार्टी का संगठन कमजोर हो चुका है। पार्टी अब प्रभावी विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही है। वह यहां तक कह चुके हैं कि नेता अपनी बात कहां रखें, क्योंकि इसके लिए कोई जगह ही नहीं है। लेकिन, खुर्शीद ने जो भी कहा है वह सीधे तौर पर सिब्बल पर पलटवार है। उन्होंने कहा है, 'नेतृत्व मुझे सुनता है, मुझे अवसर दिया जाता है, उन्हें (मीडिया में आलोचना करने वालों को) मौके दिए जाते हैं, यह बात कहां से आ रही है कि नेतृत्व नहीं सुन रहा है।'
जब खुर्शीद से बिहार चुनाव और कई राज्यों के उपचुनाव के परिणामों पर सिब्बल और चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह उनकी बातों से असहमत नहीं हैं, लेकिन कहा कि उन्हें मीडिया से यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि 'हमें ऐसा करने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि, 'विश्लेषण हमेशा चलता रहता है, विश्लेषण को लेकर कोई बहस नहीं है। यह किया जाएगा। हम सभी लोग जिस नेतृत्व का हिस्सा हैं वह निश्चित अच्छी तरह से देखेगा कि क्या गलत हुआ, हम कैसे सुधार कर सकते थे और यह एक समान्य प्रक्रिया के तहत किया जाएगा, इसके बारे में सार्विजनिक तौर पर बात करने की जरूरत नहीं है।' खुर्शीद सीडब्ल्यूसी के परमानेंट इंवाइटी हैं।
उन्होंने सोनिया के एक साल से ज्यादा समय तक अंतरिम अध्यक्ष बने रहने और पार्टी अध्यक्ष का पद खाली रहने पर सवाल उठाए जाने को लेकर भी हमला बोला है। उनका कहना है कि यह स्टैंडर्ड किसने तय किया। उन्होंने कहा कि बीएसपी में कोई अध्यक्ष नहीं होता है, वामपंथी पार्टियों ने कोई चेयरमैन नहीं होता, सभी दल एक ही मॉडल पर नहीं चलते। उन्होंने कहा कि, 'सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष हैं, भले ही अंतरिम है, यह संविधान से अलग नहीं है, न ही असामान्य है और ऐसा भी नहीं है कि इसके बिना पार्टी चल नहीं सकती।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'हम खुश हैं, हम इसी के साथ काम कर रहे हैं। कोई नेतृत्व संकट नहीं है, मैं यह बात जोर देकर कह रहा हूं।'
उनका दावा है कि अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी चुनाव समिति काम कर रही है, लेकिन कोविड के चलते इसमें वक्त लग रहा है और इसकी तैयारी चल रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस में सभी लोग राहुल गांधी को अपना नेता मानने के लिए तैयार हैं तो उनका जवाब था,'मुझे लगता है कि जो अंधे नहीं हैं उन सबको यह पता है कि लोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी और राहुल गांधी का पूरा समर्थन कर रहे हैं, जो कि हमारे पूर्व अध्यक्ष हैं। '
उन्होंने कहा है, 'जो लोग सवाल उठाते हैं (नेतृत्व को लेकर), अगर वह लोकतांत्रिक होने का दावा करते हैं, उनमें इतनी शिष्टाचार होनी चाहिए कि उन्हें हमें भी शामिल करना चाहिए जो सवाल नहीं उठाते (नेतृत्व को लेकर) और पार्टी के अंदर हम तय कर सकते हैं कि वह ज्यादा हैं या हमलोग (गांधी परिवार के वफादार) ज्यादा हैं। हमारा विरोध सिर्फ यह है कि ये सब पार्टी के बाहर हो रहा है।'
इसे भी पढ़ें- केरल सरकार के नए अध्यादेश पर घमासान जारी, पी चिदंबरम बोले- मैं हैरान हूं