साक्षी और अजितेश जल्द लौट सकते हैं बरेली, ये है वजह
नई दिल्ली। बरेली से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी ने अजितेश नाम के युवक से शादी कर ली थी। इस मामले में इन दोनों का वीडियो सामने आने के बाद काफी बवाल मचा था। सुरक्षा की गुहार लगाते हुए साक्षी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने दोनों की शादी को वैध मानते हुए दो महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया था। वहीं, खबर आ रही है कि जल्दी ही साक्षी और अजितेश बरेली पहुंच सकते हैं।
साक्षी और अजितेश जल्द लौट सकते हैं बरेली
सूत्रों के मुताबिक, साक्षी और अजितेश किसी भी दिन बरेली पहुंचकर शादी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक, उनको दो महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना है। अगर दोनों ऐसा नहीं करते हैं तो फिर हाईकोर्ट का आदेश निष्प्रभावी हो जाएगा। अजितेश के घर पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
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अजितेश के परिवार वाले वापस लौटे
अजितेश के परिवार वाले वापस अपने घर लौट चुके हैं। हालांकि, परिवार वालों के साथ साक्षी नजर नहीं आई। बताया जा रहा है कि अजितेश के दादा-दादी और बहन कार से पहुंचे और आसपास के लोगों से बिना कुछ बात किए घर के अंदर चले गए। वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने घर के अंदर जाकर उनसे बात करनी की कोशिश की लेकिन उन्होंने इनकार दिया। खबरों के मुताबिक, अजितेश, साक्षी और अजितेश के पिता हरीश अभी बरेली नहीं पहुंचे हैं। लेकिन घरवालों के लौटने के बाद माना जा रहा है कि वे भी जल्द ही वापस लौटेंगे।
दोनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था
दरअसल, साक्षी मिश्रा और उनके पति अजितेश अपनी याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे थे, लेकिन इस दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों ने अजितेश की पिटाई कर दी थी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी और बाद में दोनों को कड़ी सुरक्षा में सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया था। सुरक्षा कारणों से इस स्थान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी।
साक्षी के पिता ने लगाया है साजिश का आरोप
दूसरी ओर, साक्षी के पिता और बीजेपी विधायक बेटी के प्रेम विवाह से काफी व्यथित हैं। कई दिनों के बाद गुरुवार को कुछ लोगों से बात करने वाले राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने कहा अब घर से बाहर निकलने का मन ही नहीं करता। कई दिन तक इस मुद्दे पर चुप रहने वाले राजेश मिश्रा ने इस मामले में राजनीतिक विरोधियों पर साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि कुछ नेताओं और अधिकारियों की लॉबी ने उनकी छवि खराब करने की कोशिश की और ये सारे काम उनका राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए किए गए।