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सहारनपुर: जहां थी आंच ही आंच, वहां नहीं हुई रत्तीभर जांच

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saharanpur up riot
लखनऊ। ज़ख्मों पर नमक भले ना छिड़का गया हो पर यह दर्द उसे से कम भी नहीं है। सहारनपुर दंगे की तपिश झेल रहे पीड़ितों की व्यथा सुनने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी दंगा पीड़ितों की सुध लिए बिना ही वापस लौट गई।

जांच कमेटी ने ना ही पीडि़तों की व्यथा सुनी, ना ही दंगे के श‍िकार इलाकों में गए और ना ही करीब से वह दर्द महसूस किया जिसने इलाके की खुश‍ियां पलभर में छीन लीं थीं। खबर है कि कई सरकारी अफसरों ने पीडि़तों को कमेटी टीम के पास तक जाने का मौका ही नहीं दिया।

पढ़ें- नहीं बन पा रही सहमति

प्रदेश सरकार ने कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर भेजी थी। मंत्री शिवपाल समेत इसमें शामिल लोग गुरुद्वारा तो पहुंचे मगर इससे चंद कदम दूर जाकर देखा तक नहीं।

जहां दंगे के दौरान आगजनी व लूटपाट में तीन दर्जन से अधिक व्यापारियों का लाखों का माल लूटा गया। उन पीड़‍ितों की भी नहीं सुनी गई जो अपनी कहानी सुनाने को इंतज़ार में भीगी पलकें लिए खड़े थे।

विपक्षी दल भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने सपा नेताओं के दंगा भड़काने के आरोपों पर कहा कि यदि वह दंगे के दिन शहर में घूमकर लोगों को न रोकते तो पूरा शहर जल जाता। फ‍िलहाल कमेटी टीम का बैरंग लौट जाना इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है व लोग सत्तारूढ़ सपा से सवाल पूछ रहे हैं।

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English summary
Saharanpur riots investigation committee return not meet victim
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