साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने प्रायश्चित के लिए रखा चुनाव नतीजों तक रखा 'मौन व्रत'
भोपाल: लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार और मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार को मौन व्रत धारण करने का ऐलान किया। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रज्ञा ठाकुर अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में आई। उनके बयानों की वजह से पार्टी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने जहां उनके बयानों से किनारा किया वहीं पीएम मोदी ने भी महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर उन्हें मन से माफी नहीं दे सकने वाला बयान दिया।
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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दूसरी बार मांगी माफी
पिछले हफ्ते प्रज्ञा ठाकुर ने अपने विवादित बयान के लिए माफी मांगने के बाद आज एक बार फिर माफी मांगी। उन्होंने अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि वो चुनाव नतीजे आने तक 'मौन व्रत' धारण करेंगी। उन्होंने ट्ववीट कर बताया कि चुनावी प्रक्रियाओ के उपरान्त अब समय है चिंतन मनन का, इस दौरान मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा के अंतर्गत प्रयश्चित हेतु 21 प्रहर के मौन व कठोर तपस्यारत हो रही हूं। हरिः ॐ।
प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे को बताया देशभक्त
भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने पिछले गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि नाथूराम गोडसे एक देशभक्त था, एक देशभक्त है और वह देशभक्त रहेगा। लोग उसे आतंकी कहते हैं। इसके बजाय भीतर देखना चाहिए, ऐसे लोगों को चुनाव में उचित जवाब दिया जाएगा। हालांकि हालांकि विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने गुरुवार रात को ही अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। प्रज्ञा ने ट्वीट कर कहा कि मेरा बयान बिल्कुल गलत था। मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बेहद सम्मान करती हूं।
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पीएम मोदी ने की थी कड़ी टिप्पणी
विपक्ष की आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम को देशभक्त बताने वाली टिप्पणी की आलोचना की थी। एक चुनावी रैली में न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अलग बात है कि उन्होंने माफी मांगी है, मैं उन्हें अपने दिल से माफ नहीं कर पाऊंगा। वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पार्टी ने भोपाल के उम्मीदवार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रज्ञा ने हेमंत करकरे को राष्ट्रविरोधी बताया
महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख रहते हुए हेमंत करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट के सिलसिले में साध्वी प्रज्ञा की भूमिका की जांच की थी। प्रज्ञा ने कहा कि जांच एंजेंसी ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि अगर आपके पास सबूत नहीं है तो उसे छोड़ दो। इस पर उन्होंने कहा कि मैं उसके(साध्वी प्रज्ञा) खिलाफ सबूत हासिल करने के लिए कुछ भी करूंगा। मैं उसे जाने नहीं दूंगा। उन्होंने हेंमत करकरे को लेकर कहा कि ये उसकी कुटिलता थी। वह राष्ट्रविरोधी था, धर्म विरोधी था। आप विश्वास नहीं करोगे,लेकिन मैंने कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। इसके सवा महीने बाद ही आतंकियों ने उसे मार डाला। उन्होंने आगे कहा कि जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ। साध्वी प्रज्ञा ने यह भी बयान दिया था कि अध्योध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान बाबरी ढांचा ढहाने में वो भी शामिल थी और उन्हें इस पर गर्व है।