संघ प्रचारक सुनील जोशी की हत्या के मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बरी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे सुनील जोशी की साल 2007 में हत्या कर दी गई थी।
नई दिल्ली। साध्वी प्रज्ञा को सुनील जोशी हत्या मामले से बरी कर दिया कर दिया गया है। बता दें कि जोशी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक थे। साल 2007 में 29 दिसंबर को उनकी हत्या, मध्य प्रदेश स्थित देवास में कर दी गई थी।
मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर, हर्षद सोलंकी, वासुदेव परमार, आनंद राज कटारिया और राम पटेल को अभियुक्त बनाया। हालांकि, जांच के दौरान एजेंसी को अभियुक्तों के बारे में कुछ पता नहीं चला।
अन्य अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान पता चला कि साध्वी का इस हत्या में कोई हाथ नहीं है। अदालत को भी साध्वी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
इससे पहले 2008 मालेगांव ब्लास्ट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अदालत में कहा था कि अगर मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी।
अदालत में NIA की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा था कि एजेंसी ने पहले ही यह जानकारी दे दी है कि यह मामला मकोका के प्रावधान लागू करने योग्य नहीं थी।
बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने सत्र अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
साध्वी की अपील पर न्यायाधीश आरवी मोरे और न्यायाधीश शालिनी फनसालकर जोशी की पीठ सुनवाई कर रही थी।
NIA की तरफ अदालत में सॉलिसिटर जनरल सिंह ने कहा था कि मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने आरोपियों के अन्य विस्फोटों में शामिल होने और संगठित अपराध समूह का हिस्सा होने के आधार पर मकोका लागू किया था। ये भी पढें: यूपी चुनाव: टिकट बंटवारे से खफा बीजेपी और RSS का एक वर्ग, क्या चुनाव में बिगाड़ेंगे खेल?