कुरान बांटने की सजा पर भड़कीं साध्वी प्राची, बोलीं- फतवा लग रहा है कोर्ट का फैसला
बागपत: साध्वी प्राची ने सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में रांची की कोर्ट द्वारा ऋचा भारती को कुरान की प्रतियां बांटने की शर्त पर जमानत देने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला मिलार्ड का फैंसला नहीं बल्कि ऐसा लगता है कि जैसे एक फतवा सा जारी हो गया है। उन्होंने फैसला सुनाने वाले जज पर को लेकर कहा कि अगर शांति लाने के लिए ये फैसला होता तो मिलार्ड को कहना चाहिए था कि वेद बांटों।
साध्वी प्राची ने कुरान बांटने पर क्या कहा
बागपत में साध्वी प्राची ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि कोर्ट द्वारा दिया गया ये फैसला किसी मिलार्ड का फैसला नहीं बल्कि ऐसा लगता है कि जैसे एक फतवा सा जारी हो गया है। ऐसा लग रहा है कि जैसे ये सीरिया में फैसला आया है, हिन्दुस्तान में नहीं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे तो बड़ी हंसी आ रही है मैं तो रोज ऐसे लोगो के खिलाफ आवाज उठती हूं। मुझे मिलार्ड जरूर यात्रा करने के लिए भेजेंगे। ये हिंदुस्तान का फैसला नही है। अगर ये देश मे शांति लाने के लिए होता तो मिलार्ड को कहना चाहिए था वेद बांटो ताकि देश के अंदर शांति और अमन चैन हो जाए।
दिल्ली की हौजकाजी की घटना का किया जिक्र
साध्वी प्राची ने दिल्ली के हौजकाजी स्थित मंदिर में हुई तोड़ फोड़ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर देश में अमन और शांति चाहिए, तो जिन लोगों ने दिल्ली और मुजफ्फरनगर में मंदिर तोड़ा है, उन लोगों पर कांवड़ लेने भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जज को कुरान नहीं, बल्कि वेद बांटने का फैसला देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में देश विरोधी गैंग सक्रिय हो रहे हैं।
ऋचा पटेल ने फैसला मानने से किया इनकार
ऋचा ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सजा किस बात की। पोस्ट मेरा नहीं था और उस पर मेरी टिप्पणी आपत्तिजनक नहीं थी, तो सजा किस बात के लिए। उन्होंने आगे कहा कि मेरी वकील से बात हो गई है और वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी। ऋचा ने कहा कि अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो दूसरे समुदाय से इससे भी गंदे पोस्ट आते हैं उस वक्त कार्रवाई क्यों नहीं होती है? पुलिस ने दबाव में आकर मेरे ऊपर कार्रवाई की है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि ऋचा पटेल ने सोशल साइट पर धार्मिक पोस्ट किया था। इसके बाद अंजुमन इस्लामिया (पिठोरिया) के प्रमुख मंसूर खलीफा ने रांची के पिठोरिया थाने में 12 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने ऋचा पर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इसके बाद कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की कोर्ट ने कुरान की पांच प्रतियां बांटने की शर्त पर ऋचा को जमानत दी थी। इसके लिए ऋचा को 15 दिन का समय दिया गया है।
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