दिवाली से पहले सैनिकों के लिए बुरी खबर, सरकार ने घटाई रैंक्स
सरकार ने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी हेेडक्वार्टर पर तैनात मिलिट्री आफिसर्स की रैंक को उनके गैर-सैनिक ऑफिसरों की तुलना में घटाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली। पहले से सातवें वेतन आयोग की वजह से निराश मिलिट्री ऑफिसर्स को दिवाली से पहले एक और निराश कर देने वाली खबर मिली है। सरकार ने मिलिट्री ऑफिसर्स का स्टेटस उनके समकक्ष गैर-सैन्य अधिकारियों की तुलना में कम कर दिया है।
18 अक्टूबर को जारी हुई है चिट्ठी
इंग्लिश डेली हिंदुस्तान टाइम्स की ओर से इस बाबत जानकारी दी गई है। 18 अक्टूबर को रक्षा मंत्रालय की ओर से एक चिट्टी जारी की गई थी जिसमें इससे जुड़ी तमाम जानकारियां थीं।
अब एक असैन्य-प्रधान निदेशक जो कि पहले एक ब्रिगेडियर के बराबर होता था अब वह टू-स्टार जनरल यानी मेजर जनरल के बराबर होगा।
वहीं निदेशक की रैंक पर जो आफिसर होता था, वह अब ब्रिगेडियर के बराबर होगा और एक ज्वाइंट डायरेक्टर कर्नल के बराबर होगा।
निराश हैं ऑफिसर
रक्षा मंत्रालय की इस नई चिट्टी के बाद मिलिट्री ऑफिसर्स के बीच खासी निराश है। इस चिट्टी से पहले एक कर्नल डायरेक्टर के बराबर माना जाता था और लेफ्टिनेंट कर्नल ज्वाइंट डायरेक्टर के बराबर होता था।
ग्रुप बी ऑफिसर के बराबर कैप्टन
इस चिट्टी में डिफेंस ऑफिसर्स और हेडक्वार्टर पर सेनाओं और गैर-सैनिक अधिकारियों के बीच बराबरी की बात कही गई है। इस चिट्टी में लिखा है कि रैंक बराबरी के मुद्दे गहन अध्ययन करने के बाद ही इस पर फैसला लिया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक सर्विंग ऑफिसर के हवाले से लिखा है कि इस नए समीकरण के बाद अब एक आर्मी कैप्टन, गैर-सैनिक के ग्रुप बी के सेक्शन ऑफिसर के बराबर होगा।
वर्ष 2003 का अनुरोध
इस चिट्टी पर ज्वाइंट सेक्रेटरी के साइन हैं। चिट्टी के मुताबिक वर्ष 2003-2008 में इंडियन आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की ओर से आए प्रशासनिक आदेशों का हवाला सरकार ने दिया है।