सचिन तेंदुलकर का कांग्रेसियों ने किया अपमान, गुस्साए फडणवीस बोले- क्या महा विकास आघाडी इसे बर्दाश्त करेगी?
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर का किया कांग्रेसियों ने अपमान, नाराज फडणवीस बोले क्या महा विकास आघाडी इसे बर्दाश्त करेगी?
मुंबई। दिल्ली में किसान प्रोटेस्ट पर इंटरनेशनल हस्तियों के कमेंट पर किक्रेटर सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया था। जिस पर गुस्साएं कांग्रेसियों ने भारत रत्न से सम्मानित क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर कटआउट जलाया। जिसके बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भड़क गए। फडणवाीस ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि उनकी सरकार सचिन तेंदुलकर के अपमान को बर्दास्त करेगा?
ट्विटर
पर
फडणवीस
ने
लिखा
ट्विटर
पर
फडणवीस
ने
लिखा
"न
केवल
महाराष्ट्र
के
लिए,
बल्कि
पूरे
देश
के
लिए
ये
शर्मनाक
है।
क्या
महाविकास
अगाड़ी
के
नेता
भारत
रत्न
और
मराठी
गौरव
सचिन
तेंदुलकर
का
अपमान
इसे
बर्दास्त
करेगा?
इस
पर
उद्धव
सरकार
चुप्पी
क्यों
साधे
हुए
है।
कांग्रेस
ने
सचिन
तेंदुलकर
किया
अपमान
बता
दें
एनआई
ने
एक
वीडियो
जारी
किया
था
जिममें
केरल
के
कोच्चि
में
भारतीय
युवा
कांग्रेस
ने
सचिन
तेंदुलकर
के
कट-आउट
पर
काला
तेल
डालते
हुए
दिखा
रहे
हैं।
जबकि
सचिन
तेंदुलकर
ने
अंतराष्र्ट्रीय
हस्तियों
के
किसान
आंदोनल
में
दखल
देने
पर
ट्वीट
कर
ऐसे
समय
में
भारतीयों
को
एकजुट
होने
की
बात
कही
थी।
वहीं
शिवसेना
जो
मराठी
समाज
और
महाराष्ट्र
की
सबसे
बड़ी
रक्षक
स्वयं
को
बताती
है
उसने
मराठी
गौरव
सचिन
तेंदुलकर
के
कांग्रेस
द्वारा
अपमान
किए
जाने
पर
अभी
तक
चुप्पी
साधी
हुई
है।
यहीं
कारण
है
कि
महाराष्ट्र
पूर्व
सीएम
फडणवीस
ने
शिवसेना
पर
अपना
गुस्सा
निकाला
है।
किसान
आंदोलन
पर
विदेशी
हस्तियों
के
दखल
पर
सचिन
ने
जताई
थी
आपत्ति
सचिन
तेंदुलकर
ने
अभिनेताओं
और
क्रिकेटरों
के
साथ
शामिल
होते
हुए
जो
ट्वीट
किया
था
उससे
उन्होंने
काफी
सुर्खियां
बटोरीं
थी।
इन्होंने
किसानों
के
विरोध
के
बीच
"बाहरी
ताकतों
के
खिलाफ
एकजुट
होने"
के
सरकार
के
रुख
का
समर्थन
किया
था
।
अंतरराष्ट्रीय
पॉपस्टार
रिहाना
द्वारा
किसानों
के
विरोध
को
समर्थन
देने
के
बाद,
क्रिकेट
की
प्रतिक्रिया
ने
इस
मुद्दे
को
वैश्विक
सुर्खियों
में
ला
दिया।
सचिन
तेंदुलकर
ने
लिखी
थी
ये
बात
सचिन
तेंदुलकर
ने
लिखा,
"भारत
की
संप्रभुता
से
समझौता
नहीं
किया
जा
सकता।
बाहरी
ताकतें
दर्शक
हो
सकती
हैं,
लेकिन
प्रतिभागी
नहीं।
भारतीय
जानते
हैं
और
भारत
के
लिए
फैसला
करना
चाहिए।
आइए
एक
राष्ट्र
के
रूप
में
एकजुट
रहें।"
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान, 70 से अधिक दिनों के लिए तीन दिल्ली सीमा बिंदुओं सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में डेरा डाले हुए हैं, तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने की मांग कर रहे हैं। कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान संघों की एक छत्र संस्था संयुक्ता किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को कहा कि 6 फरवरी को दिल्ली में 'चक्का जाम' नहीं होगा, यहां तक कि यह भी कहा गया है कि देश के अन्य हिस्सों में किसान ब्लॉक करेंगे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग तीन घंटे लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से करें।
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