सचिन पायलट बोले- भारत की अर्थव्यवस्था में मंदी है इसे स्वीकार करना चाहिए
जयपुर: आर्थिक मंदी की दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था पर कहा है कि हमें स्वीकार करना होगा कि जब अर्थव्यवस्था के आंकड़ों की गणना का फॉर्मूला बदला गया था तो जीडीपी अपने आप 2 प्रतिशत बढ़ गई। लेकिन आंकड़े ये कहते हैं कि इस समय बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। मैक्रोइकनॉमिक माहौल को संतुलित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
सचिन पायलट ने कहा कि सबसे पहला है कदम स्वीकार करना होना चाहिए इनकार में ही नहीं जीना है। भारत और दुनिया भर के सभी सर्वे कहते हैं कि अर्थव्यस्था खराब स्थिति में है। अगर हमें कोई समस्या है कि तो आलोचना करने के बजाय हमें सकारात्मक सुझाव देना चाहिए। आज हर क्षेत्र में मंदी है, निवेशकों का भरोसा कम हो गया है, एनपीए बढ़ गया है, बैंक लोन नहीं दे रहे हैं, नौकरियां पैदा नहीं हो रही है, फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं।
बता दें कि इससे पहरे सचिन पायलट ने कहा था कि देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। विकट हालात से निपटने के लिए सरकार को सभी को साथ लेकर इससे उभरने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को बने हुए 100 दिन हो गए हैं, बेहतर होता कि वह सारे काम छोड़कर नौजनवानों को रोजगार के लिए रणनीति बनानी चाहिए।
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