जब फारूक अब्दुल्ला बोले- अभी जीत का ढोल न बजाओ, सचिन पायलट ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 199 में से 99 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता में वापसी कर ली है। वहीं, इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को अपने ससुर फारूक अब्दुल्ला से एक सलाह भी मिली है। राजस्थान में सीएम पद के प्रबल दावेदार सचिन पायलट और फारूक अब्दुल्ला एक कार्यक्रम में मौजूद थे और इस दौरान कई मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच सवाल-जवाब का दौर चला।
फारूक अब्दुल्ला ने दी सलाह तो पायलट ने भी दिया जवाब
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस की जीत पर बधाई देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'देखना है आप लोग 2019 में कैसा प्रदर्शन करते हैं, उम्मीद है अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन आप लोग अभी से जीत का ढोल न बजाएं, इसके लिए बहुत मेहनत करनी है, एकजुट होकर काम कीजिए।' इस पर सचिन पायलट बोले, 'असली चुनौती तो चार महीने बाद है, अभी तो आधा रास्ता ही पूरा हुआ है। राजस्थान में हम लोग बीजेपी को हराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।' इसपर अब्दुल्ला ने कहा, 'बहुत अच्छे।'
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पायलट के जवाब पर अब्दुल्ला बोले- बहुत अच्छे
सचिन पायलट से अब्दुल्ला ने पूछा कि वे राजनीति में पीढ़ी के फर्क को कैसे संभालते हैं। सचिन पायलट ने जवाब दिया कि कांग्रेस में इस प्रकार का कोई अंतर नहीं है, हम लोग साथ में काम करते हैं और किसी प्रकार का भेद नहीं होता है। सचिन पायलट ने तंज कसते हुए कहा कि हम साथ मिलकर काम कैसे कर रहे हैं, ये उनकी नहीं बीजेपी की चिंता है। पायलट ने कहा कि उनकी पाउन्होंने कहा कि कांंग्रेस पार्टी में 30-40 साल से काम कर रहे लोगों के पास भी काफी मौके हैं। र्टी में युवाओं और सीनियर नेताओं के पास बराबर के मौके हैं। चर्चा के दौरान अब्दुल्ला ने पायलट से कहा कि उनको सभी लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए। इसपर पायलट ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि मैं बुजुर्ग हो जाऊंगा लेकिन डॉक्टर अब्दुल्ला कभी बुजुर्ग नहीं होंगे। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट फारूक अब्दुल्ला के दामाद हैं।
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सीएम की रेस में शामिल हैं सचिन पायलट
राजस्थान में सचिन पायलट कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सीएम पद को लेकर खींचतान चल रही है जिसको देखते हुए दिल्ली में राहुल गांधी ने दोनों नेताओं से मुलाकात की है। राहुल गांधी ने कहा है कि जल्द ही राजस्थान के सीएम का नाम सामने आएगा, इसके लिए सभी जगह से इनपुट लिए जा रहे हैं।
राजस्थान में कांग्रेस की हुई है वापसी
राजस्थान की 199 सीटों में से कांग्रेस को 99 सीटें हासिल हुई हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी 73 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। बसपा को 6, सीपीआई को 2, बीटीपी को 2, राष्ट्रीय लोकदल को 1, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 और निर्दलीय को 13 सीटें मिली। बहुमत की संख्या से एक सीट कम होने के बाद बसपा और राष्ट्रीय लोकदल ने समर्थन देने का ऐलान कर कांग्रेस की राह आसान कर दी।