Sabarimala Verdict: सबरीमाला मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को सौंपा, 7 जजों की बेंच करेगी सुनवाई
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नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की औरतों को प्रवेश की इजाजत दिए जाने के अपने फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है। सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई अब सात जजों की बेंच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने सबरीमाला मामले को 3:2 के फैसले से बड़ी बेंच को सौंप दिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परंपराएं धर्म के सर्वोच्च सर्वमान्य नियमों के मुताबिक होनी चाहिए।
सबरीमाला मंदिर में पहले 10 से 50 साल की महिलाओं को भीतर जाने की अनुमति नहीं थी, इसको लेकर कुछ महिलाओं और एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। इसपर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देते हुए कहा था कि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश रोकना स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है।
लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बावजूद सबरीमला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को प्रवेश नहीं मिला था। महिलाओं के प्रवेश को लेकर जमकर बवाल हुआ जिसके बाद भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सभी उम्र की औरतों को मंदिर में जाने की इजाजत दिए जाने के फैसले के खिलाफ कई पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हुई थीं।
बुधवार को कोर्ट ने इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले को 7 जजों की बेंच के पास भेज दिया। अब तक इस मामले पर पांच जजों की बेंच सुनवाई कर रही थी। पांच में से 3 जजों का मानना था कि सबरीमाला मामले को 7 जजों की बेंच को भेज दिया जाए। लेकिन जस्टिस नरीमन और जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे अलग विचार दिए। अब नामित सीजेआई जस्टिस बोबडे कार्यभार संभालने के बाद 7 जजों की बेंच का गठन करेंगे।