सबरीमाला मंदिर जाने वाली महिलाओं को नहीं दी जाएगी कोई सुरक्षा, कोर्ट का ऑर्डर लाएं तृप्ति देसाई- केरल सरकार
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नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की औरतों को प्रवेश की इजाजत दिए जाने के अपने फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि, तब तक सुप्रीम कोर्ट का 2018 वाला फैसला लागू रहेगा, यानी महिलाओं के मंदिर में जाने पर प्रतिबंध नहीं लगेगा। वहीं, शनिवार को मंदिर खुलने के बीच, केरल सरकार ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला कार्यकर्ताओं को कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी।
केरल सरकार के एक मंत्री काडाकंपाली सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार महिलाओं को गेट तोड़कर मंदिर में घुसने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगी। मंत्री ने कहा कि सरकार हर हाल में शांति चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर तृप्ति देसाई को सुरक्षा चाहिए तो वे इसके लिए कोर्ट का आदेश लेकर आएं। तृप्ति देसाई जैसी कार्यकर्ता को सबरीमाला मंदिर को शक्ति प्रदर्शन का स्थान नहीं बनाना चाहिए।
Kerala Devaswom Board Minister K Surendran: State government won't provide protection to any woman visiting Sabarimala Temple. Activists like Trupti Desai shouldn't see Sabarimala as a place to show their strength. If she needs police protection, she should get an order from SC. pic.twitter.com/0wecBgOsgc
— ANI (@ANI) November 15, 2019
महिला कार्यकर्ताओं को कोई सुरक्षा नहीं जाएगी- केरल सरकार
बता दें कि सबरीमाला मंदिर मामले में दायर पुर्नविचार याचिकाओं को 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को सौंप दिया था। सबरीमाला मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने 28 सितंबर 2018 को 4:1 के बहुमत से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी। अदालत के इस फैसले पर 56 पुनर्विचार समेत 65 याचिकाएं दायर की गई थीं।
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इसके बाद महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ अपना फैसला नहीं सुना देती, तब तक महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने से नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मंदिर जब पूजा के लिए खुलेगा तो वहां जाने पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा था कि वे 16 नवंबर को दर्शन करने जाएंगी।