मॉस्को पहुंचने से पहले ईरान जाएंगे एस जयशंकर, ईरानी विदेश मंत्री से करेंगे मुलाकात
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। विदेश मंत्री मॉस्को में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। अपने चार दिवसीय दौरे की शुरुआत से पहले जयशंकर ईरान में रुकेंगे। माना जा रहा है कि राजधानी तेहरान में लैंड करने के बाद वह अपने ईरानी समकक्ष जावेदी जारीफ से मुलाकात कर सकते हैं। 10 सितंबर को जयशंकर मॉस्को में चीन के विदेश मंत्री वांग वाई से मुलाकात करेंगे।
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चीन बॉर्डर के हालातों पर दिया बयान
रूस रवाना होने से पहले जयशंकर ने कहा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हालात बेहद गंभीर हैं। इससे पहले जयशंकर ने एक बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री ने कहा है कि बॉर्डर पर हालातों को रिश्तों की वर्तमान स्थिति से अलग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसके साथ ही इस तरफ इशारा किया कि चीनी विदेश मंत्री के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने वाली है। एस जयशंकर ने कहा कि वर्तमान स्थिति बहुत ही ज्यादा गंभीर है और इस पर दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर गहन चर्चा की सख्त जरूरत है। एस जयशंकर नौ से 11 सितंबर तक मॉस्को में होंगे। उन्होंने कहा, 'अगर बॉर्डर पर शांति और स्थिरता नहीं है तो फिर संपूर्ण रिश्ते पहले जैसे नहीं हो सकते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप पिछले 30 वर्षों को देखें तो बॉर्डर पर शांति और स्थिरता तो थी लेकिन समस्याएं भी मौजूद थीं। मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं कि उससे ही रिश्तों में आगे तरक्की मालूम पड़ती।'
इसलिए चीन बना है व्यापार साझीदार
जयशंकर ने बताया कि चीन, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझीदार बन गया, इससे स्पष्ट है कि शांति और स्थिरता ही रिश्तों का आधार है।' चार सितंबर को रूस की राजधानी मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे से भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीटिंग की। अब 10 सितंबर को मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग वाई से मुलाकात करेंगे। राजनाथ और चीनी जनरल की मीटिंग भारत-चीन टकराव के बीच पहली बड़ी मीटिंग थी। इस पर सबकी नजरें टिकी थीं लेकिन यह बेनतीजा खत्म हो गई। अब एक बार फिर जयशंकर और वांग वाई की मीटिंग पर नजरें टिक गई हैं। इस अहम मुलाकात से पहले एक बार फिर बॉर्डर पर हालात बिगड़े हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच फायरिंग की खबरें हैं।