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अमेरिका में बोले जयशंकर-आपको जो भी पसंद हो ऑफर करिए मगर कश्‍मीर पर मध्‍यस्‍थता नहीं

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वॉशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय तीन दिनों के अमेरिका दौरे पर हैं। अपने दौरे पर आक्रामक तेवर अपनाते हुए जयशंकर ने अमेरिका को चेता दिया है कि जम्‍मू कश्‍मीर पर किसी भी तरह से तीसरे पक्ष की तरफ ये मध्‍यस्‍थता का ऑफर बिल्‍कुल भी स्‍वीकार नहीं किया जाएगा। उन्‍होंने साफ कर दिया है कि भारत का रुख हमेशा से साफ रहा है कि दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय मसलों को सिर्फ दोनों देश ही सुलझा सकते हैं और कई दशकों से इस बार भारत सरकार अडिग है।

'यह मेरा मामला है तो मैं तय करुंगा कि क्‍या होगा'

'यह मेरा मामला है तो मैं तय करुंगा कि क्‍या होगा'

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तरफ से कश्‍मीर मसले पर मध्‍यस्‍थता की पेशकश पर जयशंकर ने सधा हुआ मगर आक्रामक जवाब दिया। उन्‍होंने कहा, 'भारत पिछले 40 वर्षों से बहुत ही स्‍पष्‍ट है कि किसी भी तरह की मध्‍यस्‍थता को स्‍वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही जो भी चर्चा होनी है वह द्विपक्षीय ही होगी।' जयशंकर ने यह बात उस समय कही जब वह कुछ पत्रकारों के साथ थे और सवालों के जवाब दे रहे थे। जयशंकर ने कहा, 'मैं इस मुद्दे को लेकर अपने दिमाग में बहुत ही स्‍पष्‍ट हूं। मेरा तर्क बहुत सरल है। (यह) किसका मामला है? मेरा, किसे फैसला करना है? मुझे। अगर यह मेरा मामला है और मुझे फैसला करना है, तो मैं तय करूंगा कि मुझे किसी की मध्यस्थता चाहिए या नहीं। आप अपनी पसंद से कोई भी प्रस्ताव रख सकते हैं लेकिन यदि मैं फैसला करता हूं कि यह मेरे लिए प्रासंगिक नहीं है तो ऐसा नहीं होगा।'

आर्टिकल 360 पर क्‍या बोले विदेश मंत्री

आर्टिकल 360 पर क्‍या बोले विदेश मंत्री

उन्होंने कहा, 'आर्टिकल 370 के संदर्भ में, मेरे लिए संख्या बताना मुश्किल होगा, लेकिन मैं कहूंगा कि मेरी करीब आधी मीटिंग्‍स में इस मामले पर बात हुई और शायद मेरी आधी मीटिंग्‍स में इस पर बात नहीं हुई। ऐसा नहीं था कि मुझसे बात करने वाले हर व्यक्ति ने इसी ज्वलंत प्रश्न पर बात की।' उन्होंने कहा कि सच कहूं, तो इनमें से अधिकतर बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह मामला जिन लोगों ने उठाया, उनके लिए यह प्राथमिक रुचि का विषय नहीं था। जयशंकर, रविवार रात न्‍यूयॉर्क से वॉशिंगटन पहुंचे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) के सत्र में हिस्‍सा लेने के लिए गए थे। ट्रंप हाल के दिनों में तीन बार भारत और पाकिस्‍तान के बीच मध्‍यस्‍थता की पेशकश की है।

हथियार खरीद में भी कड़ा संदेश

हथियार खरीद में भी कड़ा संदेश

जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपेयो से मुलाकात की है। अब उनकी मुलाकात रक्षा मंत्री मार्क एस्‍पर से होगी। पोंपेयो के साथ मुलाकात में विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्‍टम खरीद के सिलसिले में भी कड़े शब्‍द अख्तियार किए हैं। उन्‍होंने साफ कर दिया है कि विदेश मंत्री ने स्‍पष्‍ट कह दिया है कि रूस से हथियार खरीदने के मामले में कोई हमें आदेश करे, यह बात हरगिज नापसंद है।

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English summary
External Affairs Minister S Jaishankar has given a stern warning to US and President Donald Trump on Kashmir and Article 370. India will accept no Mediation.
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