विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर की अपने अमेरिकी समकक्ष पोंपेयो से फोन पर बात
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपेयो से वार्ता की है। विदेश मंत्री की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया है कि अमेरिकी समकक्ष के साथ वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। आपको बता दें कि जब से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव की शुरुआत हुई है तब से ही दोनों नेताओं के बीच संपर्क बना हुआ है। 22 जुलाई को भी दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात हुई थी और उस वार्ता में चीन का जिक्र हुआ था।
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लगातार फोन पर बात कर रहे हैं नेता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया, 'गुरुवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो के साथ वृहद स्तर पर वार्ता हुई। हमने अपने द्विक्षीय सहयोग का आकलन किया जो जरूरी तंत्र से जुड़ा था। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों जिसमें दक्षिण एशिया, अफगानिस्तान, इंडो-पैसेफिक के अलावा कुछ और मुद्दे शामिल हैं, उन पर भी चर्चा हुई।' इसके बाद उन्होंने आगे बताया, 'हमनें कोरोना वायरस चुनौतियों पर भी अपने विचार साझा किए। आने वाले दिनों में क्वाड के अंदाज में मीटिंग करने पर भी चर्चा हुई है।' पोंपेयो और जयशंकर के बीच जून के तीसरे हफ्ते में पहली फोन कॉल हुई थी और गुरुवार रात हुई यह फोन कॉल भी दोनों नेताओं के बीच एक और हाई लेवल वार्ता थी।
22 जुलाई की वार्ता पर पोंपेयो का बड़ा बयान
22 जुलाई को जयशंकर के साथ हुई वार्ता पर पोंपेयो की तरफ से बड़ा बयान दिया गया था। पोंपेयो ने कहा था, 'हमनें देखा है कि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) कैसे अपने पड़ोसियों को चिढाने में लगी हुई है, दक्षिण चीन सागर का सैन्यकरण करर रही है और साथ ही भारत के साथ टकराव को खतरनाक तौर पर आगे बढ़ा रही है।' पोंपेयो ने आगे कहा, 'आप किसी भी समुद्री सीमा क्षेत्र जहां पर आपका कोई दावा नहीं, वहां अपना दावा नहीं कर सकते हैं। न ही आप दूसरे देशों को डरा सकते हैं या और हिमालय के क्षेत्र में उन्हें चिढ़ा सकते हैं।'