विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNSC में पेश की भारत की दावेदारी, लॉन्च किया कैंपेन
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत के कैंपेन की शुरुआत एक ब्रॉशर लॉन्च के साथ की। इस माह की 17 तारीख को यूएनएससी की पांच अस्थाई सीटों के लिए चुनाव होना है और भारत इसका दावेदार है। जो ब्रॉशर जयशंकर ने लॉन्च किया है उसमें भारत की प्राथमिकताओं का जिक्र है। कहा जा रहा है कि भारत ने इसके साथ ही यूएनएससी की स्थायी दावेदारी के लिए कदम बढ़ा दिए हैं।
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भारत की तरफ से पांच बातों पर दिया गया जोर
विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रॉशर लॉन्चिंग पर कहा कि भारत की ओर से जिन मुख्य बातों पर जोर दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा, उनमें समान-संवाद-सहयोग-शांति और समृद्धि का मंत्र है। उन्होंने यह भी बताया कि आखिर क्यों भारत को यूएनएससी में सीट की जरूरत है। विदेश मंत्री ने सम्मान, डायलॉग, शांति और विकास को मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में जिस तरह का माहौल है, ऐसे में भारत एक अहम भूमिका निभा सकता है। उनके मुताबिक दुनिया की कई संस्थाओं में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है, कोरोना वायरस महामारी इन बातों को सामने लेकर आई है। दुनिया के सामने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कई तरह की चुनौतियां हैं, जिसमें आतंकवाद एक सबसे बड़ा उदाहरण है।
UNSC में इस बार भारत की जीत तय
17 जून को यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी), इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल में चुनाव के अलावा यूएन के नए मुखिया का चुनाव भी होना है। एंटोनियो गुटारेशे का कार्यकाल पूरा होने वाला है और ऐसे में नए मुखिया का चुनाव भी काफी अहम हो जाता है। इस बार यूनएससी में पांच अस्थायी सीटों पर भारत की जीत तय है। भारत, एशिया प्रशांत सीट के लिए इकलौता दावेदार है और इसलिए उसका चुनाव में जीत हासिल करना तय माना जा रहा है। भारत अस्थायी सदस्य सीट का उम्मीदवार है। भारत की उम्मीदवारी का पिछले साल जून में एशिया प्रशांत ग्रुपिंग के 55 सदस्यों ने समर्थन किया था। सुरक्षा परिषद में चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस स्थायी सदस्य हैं। वहीं हर वर्ष 10 सदस्यों को अस्थायी तौर पर हर दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। जबकि पांच सदस्यों का चुनाव हर वर्ष होता है। भारत की सदस्यता का कोई भी देश विरोध नहीं कर रहा है।