कर्नाटक HC के जज से सुप्रीम कोर्ट का अनुरोध, 3 दिन के लिए टाल दें सुनवाई, जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली, 12 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस एचपी संदेश से अनुरोध किया है कि वह एंटी करप्शन ब्यूरो से संबंधित मुकदमे की सुनवाई तीन दिन के लिए टाल दें। जस्टिस संदेश एसीबी के खिलाफ कई तरह की टिप्पणियां कर चुके हैं और काफी निर्देश भी दे चुके हैं। तीन दिन मुकदमे की सुनवाई टालने का यह अनुरोध भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच की ओर से किया गया है। इस मामले में कर्नाटक सरकार की ओर से भी अदालत से गुजारिश की गई है कि मामले को ऐक्टिंग चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच को दिया जाए।
कर्नाटक
हाई
कोर्ट
के
जज
से
सुप्रीम
कोर्ट
का
अनुरोध
जस्टिस
एचपी
संदेश
ने
सोमवार
को
एक
आदेश
जारी
किया
था,
जिसमें
उन्होंने
इस
बात
का
जिक्र
किया
था
कि
एक
मौजूदा
जज
ने
एसीबी
चीफ
के
खिलाफ
आदेश
पारित
होने
पर
अप्रत्यक्ष
रूप
से
ट्रांसफर
की
धमकी
दी
थी।
हालांकि,
उनका
वह
ऑर्डर
अभी
तक
अपलोड
नहीं
हो
पाया
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
है,
'हम
विद्वान
जज
से
अनुरोध
करते
हैं
कि
11
जुलाई
को
पारित
आदेश
को
देखने
के
लिए
तीन
दिन
के
लिए
सुनवाई
टाल
दें।
मामले
को
शुक्रवार
के
लिए
लिस्ट
पर
डालें।'
सीजेआई
रमना,
जस्टिस
कृष्ण
मुरारी
और
जस्टिस
हिमा
कोहली
की
बेंच
ने
यह
अनुरोध
जस्टिस
संदेश
की
ओर
से
की
गई
कुछ
प्रतिकूल
टिप्पणियों
के
खिलाफ
एंटी
करप्शन
ब्यूरो
और
उसके
प्रमुख
सीमांत
कुमार
सिंह
की
ओर
से
दायर
याचिकाओं
पर
सुनवाई
के
दौरान
किया
है।
जस्टिस
संदेश
ने
ट्रांसफर
की
धमकी
का
आरोप
लगाया
था
दरअसल,
एसीबी
चीफ
एडीजीपी
सीमांत
कुमार
सिंह
पिछले
हफ्ते
तब
विवादों
में
आ
गए
थे,
जब
कर्नाटक
हाई
के
जस्टिस
संदेश
ने
भरी
अदालत
में
कहा
था
कि
एसीबी
के
खिलाफ
जारी
कुछ
निर्देशों
के
बाद
उन्हें
अप्रत्यक्ष
रूप
से
ट्रांसफर
की
धमकियां
मिली
थीं।
जस्टिस
संदेश
ने
लिखित
आदेश
में
भी
एसीबी
जांच
की
निगरानी
के
दौरान
मिली
ट्रांसफर
की
धमकी
को
दर्ज
किया
है।
एसीबी
जांच
पर
भी
असंतुष्टि
जाहरी
की
थी
डिप्टी
कमिश्नर
(शहरी)
से
जुड़े
भ्रष्टाचार
के
एक
मामले
की
एसीबी
जांच
पर
काफी
असंतुष्टि
जाहिर
करते
हुए
जस्टिस
संदेश
ने
कई
आदेश
पारित
किए
थे,
जिसपर
उन्होंने
एसीबी
को
उसकी
ओर
से
दाखिल
की
गई
सभी
क्लोजर
रिपोर्ट
को
पेश
करने
का
निर्देश
भी
दिया
था।
बिना
मुझे
सुने
हुए
टिप्पणियां
की
गईं-
एसीबी
चीफ
की
दलील
मंगलवार
को
कर्नाटक
सरकार
की
ओर
से
सॉलिसिटर
जनरल
ऑफ
इंडिया
तुषार
मेहता
पेश
हुए
और
सुप्रीम
कोर्ट
से
कहा
कि
सिंगल
जज
को
कल
ऑर्डर
पारित
करने
से
परहेज
करना
चाहिए
था।
इस
मामले
में
तब
सर्वोच्च
अदालत
विशेष
अनुमति
याचिका
पर
सुनवाई
करने
वाली
थी।
सॉलिसिटर
जनरल
ने
सुप्रीम
कोर्ट
से
गुजारिश
की
है
कि
इस
केस
को
ऐक्टिंग
चीफ
जस्टिस
की
अगुवाई
वाली
बेंच
को
दिया
जाए।
एडीजीपी
सीमांत
कुमार
सिंह
की
ओर
से
पेश
हुए
वकील
ने
अदालत
से
कहा
कि
जज
ने
बिना
उन्हें
सुने
ही
उनके
खिलाफ
सख्त
टिप्पणियां
कीं।
उनकी
ओर
से
कहा
गया
कि
अधिकारी
की
एसीआर
खुली
अदालत
में
पढ़ा
गया।
दरअसल, जस्टिस संदेश ने मौखिक तौर पर कहा था कि एडीजीपी एक ताकतवर व्यक्ति था और एक हाई कोर्ट जज ने उन्हें एक और जज का उदाहरण दिया, जिसे इन्हीं वजहों से ट्रांसफर कर दिया गया था।