प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूल में खून के दाग को साफ किया गया, सबूत मिटाए गए
गुरुग्राम। रायन इंटरनेशनल स्कूल में जिस तरह से महज 7 साल के मासूम प्रद्युम्न को मौत के घाट उतार दिया गया है, उसके बाद कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा है कि स्कूूूल में प्रद्युम्न की मौत के बाद सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई है। पुलिस ने सोहना कोर्ट में सोमवार को कहा कि प्रद्युम्न की हत्या की बाद फर्श और दीवार पर खून के दाग को पोछा गया था, ताकि सबूत को मिटाया जा सके।
दो अधिकारी सस्पेंड, दर्ज हुआ मामला
प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूल के दो अधिकारियों को रविवार को सस्पेंड कर दिया गया था, साथ ही दोनों को दो दिन के लिए पुलिस की हिरासत में भी भेज दिया गया है, ताकि इनसे पूछताछ की जा सके। पुलिस ने फ्रांसिस थॉमस और एचआर हेड जयेश थॉमस को रविवार की रात को गिरफ्तार किया था, इनपर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के सेक्शन 75 के तहत मामला दर्ज किया गया था, इस कानून के तहत आरोपी को 5-10 साल की सजा हो सकती है। पुलिस ने इन दोनो को सोहना कोर्ट में सोमवार को पेश किया था और इनकी तीन दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने दो दिन की हिरासत दी है।पुलिस ने इन दोनों पर आईपीसी की सेक्शन 34 के भी मामला दर्ज किया है। पीड़ित पक्ष के वकील ने इस मामले में आरोपियों पर सेक्शन 21 के तहत भी मामला दर्ज करने की मांग की थी। यानि कि इनपर सबूतों को मिटाने और गलत जानकारी देने का भी मुकदमा चलना चाहिए।
पहले भी हुई थी मासूम की मौत
फ्रांसिस पर इससे पहले भी एक मामला चल रहा है। दरअसल वसंत कुंज स्थित रायन इंटरनेशन स्कूल में छह साल का देवांश 30 जनवरी 2016 को लापता हो गया था, जिसका शव स्कूल के वॉटर टैंक में मिला था। पुलिस ने फ्रांसिस को पहला आरोपी बनाया है जिनपर स्कूल के भीतर प्रशासन और सिविल वर्क की जिम्मेदारी है। आपको बता दें कि पुलिस ने शुक्रवार को 42 वर्षीय बस कंडक्टर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था, उसे भी आज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था।
वहीं इस मामले में गिरफ्तार से बचने के लिए रायन इंटरनेशनल स्कूल के सीईओ रायन पिंटो और उनके माता-पिता ग्रेस और ऑगस्टीन ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।
सुरक्षा में भारी चूक
गुरुग्राम के डेप्युटी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने सोमवार को तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट को सौंप दिया है, जिसे स्कूल क भीतर सुरक्षा मे हुई चूक की जांच का जिम्मा दिया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई खामियों को उजागर किया है। विनय प्रताप सिंह ने बताया कि स्कूल में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं था, स्कूल के भीतर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरा नहीं था, स्कूल के शौचालय बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है, स्कूल की बाउंड्री वाल भी टूटी हुई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट को सेकेंडरी एजुकेशन विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया है।
तीन शिक्षकों स चल रही पूछताछ
वहीं इन सब के बीच चार सदस्यों की गुरुग्राम पुलिस की एक टीम का गठन किया गया है, जोकि सोमवार को मुंबई रवाना हो गई है। यह टीम रायन स्कूल के हेड ऑफिस जाएगी और रायन इंटरनेशनल स्कूल भोंडसी के दस्तावेजों की जांच पड़ताल करेगी, जिसमें इस बात की भी जांच की जाएगी कि स्कूल के भीतर सुरक्षा के लिए कितना फंड खर्च किया जाता था। प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूल के कार्यकारी प्रिंसिपिल नीरजा बत्रा को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में एसआईटी तीन शिक्षकों से पूछताछ कर रही है।
स्कूल बंद, एसएचओ सस्पेंड
प्रद्युम्न की हत्या के बाद रायन इंटरनेशन स्कूल को बंद कर दिया गया। स्कूल की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। घटना के बाद सोहना सदर पुलिस स्टेशन के एसएचओ अरुण कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को पर लाठीचार्ज कराया था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद वह काफी आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि एसएचओ को जांच के बाद सस्पेंड कर दिय गया है, जांच में पाया गया कि लाठीचार्ज को टाला जा सकता था और इसकी जरूरत नहीं थी।