रूस के राजदूत ने ट्रंप की तर्ज पर दिया बयान, आर्टिकल 370 पर बोले-आपसी बातचीत से मसले सुलझाएं भारत-पाक
Recommended Video
नई दिल्ली। भारत में रूस के राजदूत ने आर्टिकल 370 पर भारत के पक्ष में बयान दिया है। रूस ने इसे पूरी तरह से भारत का आतंरिक मसला करार दिया है। रूस के राजदूत की तरफ से दिया गया बयान बिल्कुल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तर्ज पर है। पांच अगस्त को जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था तो उस समय भी रूस ने भारत का समर्थन किया था। रूस की तरफ से उस समय इसे भारत का एक संवैधानिक फैसला बताया गया था।
शिमला समझौते से सुलझाएं मसले
रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने बुधवार को कहा, 'आर्टिकल 370 भारत सरकार का संप्रभु फैसला है और यह भारत का एक आतंरिक मसला है।' उन्होंने आगे कहा, ' भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मसलों को बातचीत के जरिए, शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।' आठ अगस्त को रूस के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान दिया गया था। रूस की तरफ से कहा गया था कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 का हटना भारत का एक संवैधानिक फैसला है। रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया,' हम इस बात तथ्य को मानते हैं कि जम्मू और कश्मीर की स्थिति में जो भी बदलाव किया गया है और इसे दो संघ शासित प्रदेशों में बांट दिया गया है, इस पूरी प्रक्रिया को भारत ने संविधान के तहत ही पूरा किया है।'
Russian Envoy to India, Nikolay Kudashev on #Article370: This is the sovereign decision of Indian government, it's an internal matter of India. All issues existing between India & Pakistan should be resolved through dialogue on the basis of Shimla agreement & Lahore declaration. pic.twitter.com/Cd9gip1o8d
— ANI (@ANI) August 28, 2019
बयान में आगे यह भी कहा गया था कि रूस, भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों के सामान्य होने का समर्थक रहा है। रूस के मुताबिक दोनों देश अपने मतभेदों को राजनीतिक और कूटनीतिक जरिए से द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाएं तो बेहतर रहेगा। रूस ने उम्मीद जताई है कि दोनों ही देश क्षेत्र में आक्रामकता को बढ़ने की मंजूरी नहीं देंगे। इस मसले पर चीन ने पहले ही पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मसले का हल शिमला समझौते और यूएन रेजोल्यूशन के तहत होना चाहिए।