भारत के साथ रूस ने साझा किया 'स्पूतनिक वी' वैक्सीन का डेटा, तीसरे चरण ट्रायल पर टिकी है नज़र
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के मामलों में दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच चुके भारत ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगातार युद्धरत है। इसी बीच मास्को और नई दिल्ली के बीच रूस में निर्मित कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी को लेकर बातचीत हो रही है और रूस ने स्पूतनिक वी वैक्सीन को लेकर एक व्यापक डेटा भारत के साथ साझा किए हैं, जिसका भारत सरकार की तरफ से बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है, जिसे गत 11 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन द्वारा दुनिया की पहली घोषित वैक्सीन कहकर लॉन्च किया था।
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वैक्सीन को लेकर मॉस्को और भारत के बीच कई स्तरों पर हो रही है चर्चा
भारत में रूस के राजदूत निकोलेय कुदाशेव ने बताया कि वैक्सीन को लेकर मॉस्को और भारत सरकार के बीच कई स्तरों पर बातचीत हो रही है। इसमें वैक्सीन की आपूर्ति, सह-विकास और सह-निर्माण जैसे सभी मुद्दे शामिल है। रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण डेटा के परिणाम को यहां तक कि लैंसेट जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है और वैक्सीन के सार्वजनिक उपयोग के लिए मॉस्को नियामकों द्वारा मंजूरी दी गई है।
स्पूतनिक वी को लेकर रूस दौरे के दौरान विदेश मंत्री भी चर्चा करेंगे
रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राजदूत कुदाशेव ने कहा कि कुछ जरूरी तकनीकी प्रक्रियाओं के बाद वैक्सीन बड़े पैमाने पर (अन्य देशों में भी) इस्तेमाल की जा सकेगी। इसकी भी चर्चा है कि आने वाले सप्ताह में विदेश मंत्री एस जयशंकर के रूस दौरे के दौरान भी स्पूतनिक वी वैक्सीन को लेकर बातचीत होगी। वहीं, कुदाशेव ने यह भी कहा कि रूस भारत के साथ न्यायपूर्ण और बहुध्रुवीय विश्व की कल्पना करता है, इसलिए इस वैक्सीन पर काम करना चाहता है।
कई देश महामारी के बावजूद भू-राजनीतिक खेल खेलने में लगे हुए हैं: रूस
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुनिया के कई देश महामारी के बावजूद भू-राजनीतिक खेल खेलने में लगे हुए हैं, वे एक-दूसरे के खिलाफ चालें चल रहे हैं, जबकि होना यह चाहिए कि सभी देश साथ मिलकर इस वायरस से लड़ने में सहयोग करें। रूस इसी हफ्ते से स्पूतनिक वी वैक्सीन को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराने जा रहा है, जिसे मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है।
भारत ने गामाले रिसर्च इंस्टीट्यूट से स्पूतनिक वी वैक्सीन डेटा मांग की थी
सूत्र बताते हैं कि भारत ने मॉस्को स्थित गामाले रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी से यह मांग की थी। एक अधिकारी के मुताबिक भारत- रूस के साथ वैक्सीन को लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चा कर रहा है। यह चर्चा भारतीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप और रूस में भारतीय राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा द्वारा समन्वित की जा रही है।
स्पूतनिक वी वैक्सीन का एक अलग चरण 3 नैदानिक परीक्षण होना है
सूत्रों ने बताया है कि भारतीय नियामकों से आवश्यक अनुमोदन के बाद स्पूतनिक वी वैक्सीन का एक अलग चरण 3 नैदानिक परीक्षण होना है। आधिकारिक स्पुतनिक वी वेबसाइट के अनुसार रूस की योजना सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील और फिलीपींस सहित कई देशों में चरण 3 नैदानिक परीक्षणों का संचालन करने की है।
स्पूतनिक वी वैक्सीन का उत्पादन सितंबर 2020 में शुरू होने की उम्मीद है
वैक्सीन का उत्पादन सितंबर 2020 में शुरू होने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि भारत सहित कम से कम 20 देशों ने स्पुतनिक वी प्राप्त करने में रुचि जताई है। इन देशों में संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील और मैक्सिको शामिल हैं। हालांकि पश्चिमी विशेषज्ञों को रूसी वैक्सीन के दावे और उसको मिली मंजूरी के बारे में संदेह है।
स्पूतनिक वी के तीसरे चरण के परीक्षण में 40,000 वॉलंटियर्स शामिल होंगे
लैंसेट अध्ययन में कहा गया है कि स्पुतनिक के तीसरे चरण के परीक्षण में विभिन्न आयु और जोखिम समूहों के 40,000 वॉलंटियर्स शामिल होंगे और एक ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से स्वयंसेवकों की "निरंतर निगरानी" होगी, जिसमें टीके की वॉलिंटर्सक को सौंपा गया प्रत्येक खुराक का खुद का अपना क्यूआर कोड होगा। लैसेंट ने 4 सितंबर को रूस में दो अस्पतालों में 76 लोगों पर स्पूतनिक वी के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिल परीक्षण के प्रारंभिक निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं।