नोट बंद हुआ तो भगवान के चढ़ावे में हुई बढ़ोतरी, 500-1000 के नोटों से भरी दान-पेटियां
500-1000 रु. के नोट बंद होने के बाद मंदिर के चढ़ावे में अचानक हुई बढ़ोतरी।
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर को 500-1000 रु. के नोट बंद कर दिए। नोट बंद होते ही कालाधन रख ने वालों की हालत खराब हो गई। लोगों को अपने नोट बदलने लिए 50 दिन का वक्त दिया गया, लेकिन कालाधन रखने वालों के पास अपने पैसे बचाने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा। 2000 रु. के नोट फाड़कर वायरल कर दी तस्वीर, कहा-नहीं है कोई चिप
ब्लैक को व्हाइट करने का प्लान फेल
सरकार ने रेलवे और एयर टिकट बुक करने में 500-1000 के नोट को इस्तेमाल करने की छूट दी तो लोगों ने अपने ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए टिकट बुकिंग में होड़ लगा दी, लेकिन उनकी दाल वहां भी नहीं गली। सरकार ने ऐलान किया कि 500-1000 के नोट से बुक किए गए टिकटों को कैंसिल करने पर कोई रिफंड नहीं मिलेगा। ऐसे में अब कालाधन रखने वालों के पास भगवान के द्वार के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। अब सरकारी बिल 500 और 1000 के नोट से चुका सकेंगे आप
भगवान के चढ़ावे में बढ़ोतरी
लोगों ने अपने पाप धोने के लिए मंदिरों में 500-1000 रुपए के चढ़ावे चढ़ाने शुरु कर दिए। नोट बैन होने के बाद से महाराष्ट्र के मंदिरों में दान में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मंदिर शिर्डी साईं मंदिर, शनि शिंगणापुर मंदिर, प्रसिद्ध दुर्गामंदिरों में दान देने वालों की लंबी कतारे लग गई। दान पेटियों में 500-1000 रुपए के नोट भरने लगे। लोग ब्लैक मनी को छिपाने के लिए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट दान पेटियों में डालने लगे। अगर आपका नहीं है बैंक अकाउंट तो ऐसे बदलें 500 और 1000 के नोट
50-100 की जगह चढ़ने लगे 500-1000 रु. के नोट
दान पेटियों में 500-1000 रुपए के नोटों की बड़ती तादात को देखते हुए महाराष्ट्र के आठ जिलों के सभी मंदिरों के ट्रस्टियों ने दानपेटियां सील करने का फैसला किया है। मराठवाड़ा के औरंगाबाद, जालना, नांदेड़, परभणी, हिंगोली , पुणे के बडे मंदिरों की दान पेटियां सील कर दी गई है, ताकि लोग अपनी काली कमाई को भगवान को चढ़ा कर बच न सके। मंदिर प्रशासन के मुताबिक इन सील की गई दानपेटियां 30 दिसंबर तक खोली नहीं जाएगी, लेकिन श्रद्धालु चालान काटकर नकद रकम मंदिर में जमा कर सकते हैं।