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क्‍यों तेल पी रहा डॉलर और रुपया मांग रहा पानी, पढ़ें 5 कारण

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नई दिल्‍ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का दौर जारी है। रुपया 67.37 पर पहुंच गया है, जो कि बीते 15 महीने का सबसे निचला स्‍तर है। बीते एक सप्‍ताह से रुपया लगातार 15 महीने के नए निचले स्‍तर को छू रहा है। मतलब कि गिरावट के नए रिकॉर्ड बना रहा है। ऐसे में यह सवाल जायज है कि आखिर रुपया क्‍यों गिर रहा है? आइए डालते हैं उन कारणों पर एक नजर, जिनकी वजह से लगातार गिर रहा है रुपया।

कच्‍चे तेल के दाम पहले ही मार रहे थे, उस पर ट्रंप ने डाला आग में घी

कच्‍चे तेल के दाम पहले ही मार रहे थे, उस पर ट्रंप ने डाला आग में घी

कच्‍चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी रुपये के गिरने के पीछे एक बड़ी वजह है। पिछले कुछ समय से लगातार कच्‍चे तेल के दामों में तेजी आ रही है। हाल में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते तोड़ने का ऐलान कर डाला। इसके चलते कच्‍चे तेल के दाम करीब ढाई फीसदी तक बढ़ गए। क्रूड ऑयल 77 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। ऐसी आशंका है कि कच्‍चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के पार भी जा सकते हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले दिनों में रुपया और गिर सकता है।

अमेरिका से जुड़ा एक और कारण है, जो बढ़ा सकता है मोदी की परेशानी

अमेरिका से जुड़ा एक और कारण है, जो बढ़ा सकता है मोदी की परेशानी

विशेषज्ञों की मानें तो कच्‍चे तेल के दाम के अलावा अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था का भी रुपये की स्थिति पर गहरा असर पड़ता है। आने वाले समय में अमेरिकी इकॉनमी में अगर अच्‍छा करती है और वहां ब्‍याज दरें बढ़ती हैं तो भी रुपये पर नकारात्‍मक असर पड़ सकता है। मतलब इसमें और अधिक गिरावट दर्ज की जा सकती है।

डॉलर की बढ़ती डिमांड कर जाती है रुपये को कमजोर

डॉलर की बढ़ती डिमांड कर जाती है रुपये को कमजोर

रुपये में गिरावट का एक बड़ा कारण डॉलर की बढ़ती डिमांड भी है। मसलन अगर कच्‍चे तेल के दाम बढ़ते हैं तो डॉलर की डिमांड स्‍वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। इसके अलावा एक कारण यह भी है कि भारत में इस समय निर्यात की तुलना में आयात ज्‍यादा हो रहा है। जब भी आप आयात करते हैं आपको डॉलर ज्‍यादा खरीदना पड़ता है। जाहिर है ऐसे में करंसी मार्केट में डॉलर का प्रभाव बढ़ता है और रुपये में गिरावट आती है।

फॉरेन इन्‍वेस्‍टर्स ने निकाले करीब साढ़े तीन अरब डॉलर

फॉरेन इन्‍वेस्‍टर्स ने निकाले करीब साढ़े तीन अरब डॉलर

रुपये में गिरावट का एक कारण यह भी है कि फॉरेन इन्‍वेस्‍टर्स अपने शेयर और बॉन्‍ड्स बेच रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, फॉरेन इन्‍वेस्‍टर्स अब तक साढ़े तीन अरब डॉलर मार्केट से निकाल चुके हैं। आसान शब्‍दों में कहें तो मार्केट में जब पैसा कम आए तो रुपया कमजोर हो जाएगा।

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English summary
Rupee weakens fresh 15 month low against dollar, read here the real problem of the falling Indian rupee
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