डीएम की गाड़ी रोककर जेल में बंद करने की बात कहने वाले उत्तराखंड के इस जवान को मिलेगा सम्मान
नई दिल्ली। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल बेहद कर्मठ अफसर हैं और वे अपनी अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने केदारनाथ के रास्ते में आने वाले मुख्य पड़ावों का जायजा लेने के लिए पर्यटक के भेष में निकलने का फैसला किया था। इस दौरान उनको एक कॉन्स्टेबल ने रोक लिया था। कॉन्स्टेबल मोहन सिंह ने डीएम की गाड़ी को गौरीकुंड से आगे बढ़ने से रोक दिया था। अब डीएम मंगेश घिल्डियाल ने इस कॉन्स्टेबल को सम्मानित करने का फैसला किया है।
कॉन्स्टेबल ने रोकी डीएम की गाड़ी
कॉन्स्टेबल मोहन सिंह ने डीएम के निजी वाहन को नियमों का हवाला देते हुए आगे जाने से रोक दिया था। कॉन्स्टेबल के रोकने पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बार-बार आग्रह किया और कुछ पैसे का लालच भी दिया लेकिन वह कॉन्स्टेबल नियमों का हवाला देते हुए उनके वाहन का आगे जाने की इजाजत नहीं दे रहा था।
भेष बदलकर पहुंचे थे डीएम
यही नहीं, कॉन्स्टेबल ने नियमों की अनदेखी कर निजी वाहन को आगे ले जाने पर जेल में डालने की धमकी भी दी। ये घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। उस वक्त मंगेश घिल्डियाल हिमालयी धाम में व्यवस्था का जायजा लेने के लिए निकले थे। डीएम घिल्डियाल एक पर्यटक के भेष में थे। बता दें कि कांस्टेबल मोहन सिंह इस वक्त रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग बैरियर पर तैनात हैं और ये जगह केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है।
रुद्रप्रयाग के डीएम हैं मंगेश घिल्डियाल
कॉन्स्टेबल ने जिलाधिकारी को तभी आगे जाने की अनुमति दी जब उन्होंने अपना निजी वाहन सोनप्रयाग में छोड़ दिया। डीएम घिल्डियाल ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण कर्मचारियों पर बहुत दबाव रहता है लेकिन ऐसे समय में वह कॉन्स्टेबल नियमों पर अड़ा रहा। डीएम ने कहा कि ऐसा करके उसने अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिलाधिकारी घिल्डियाल ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर कांस्टेबल मोहन सिंह से मिलेंगे और उनको सम्मानित करेंगे।