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नौकरशाहों ने लौटाई सिसोदिया की फाइल, दिल्ली सरकार ने कहा- 'कैसे चलेगा राज-काज?'

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नई दिल्ली: अधिकारों की जंग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के कुछ देर बाद ही अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। इसके बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आईएएस अफसरों के ट्रांसफर के अधिकार की बात कही थी। वहीं, पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकतांत्रिक मूल्य सबसे ऊपर हैं, संसद का बनाया कानून ही सर्वोच्च है क्योंकि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं प्राप्त है। संघीय ढ़ांचे में राज्य सरकार को स्वतंत्रता है कि वो अपने फैसले ले सकती है और उसके लिए हर फैसले पर एलजी की मुहर जरूरी नहीं है।

ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले पर भिड़ंत

ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले पर भिड़ंत

अभी तक IAS और दानिक्स अधिकारियों के तबादलों और तैनातियों के लिए मंजूरी देने का अधिकार उपराज्यपाल के पास रहा है। लेकिन इसमें बदलाव देखने को मिला जब कैबिनेट मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बड़ा फैसला लेते हुए छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की पूरी व्यवस्था बदल दी और इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश देते हुए सर्विसेस विभाग के पास फाइल भेज दी।

सर्विसेज डिपार्टमेंट ने सिसोदिया की फाइल लौटाई

सर्विसेज डिपार्टमेंट ने सिसोदिया की फाइल लौटाई

लेकिन सर्विसेज डिपार्टमेंट ने दिल्ली सरकार का यह आदेश मानने से इनकार कर दिया और मुख्य सचिव ने मनीष सिसोदिया को फाइल लौटा दी। सर्विसेज डिपार्टमेंट ने दिल्ली सरकार के आदेश को न मानने को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 में जारी उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया गया है जिसमें ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल या मुख्य सचिव के पास है।

नौकरशाहों का कहना- एलजी के अधिकार क्षेत्र में सेवा संबंधी मामले

नौकरशाहों का कहना- एलजी के अधिकार क्षेत्र में सेवा संबंधी मामले

दिल्ली सरकार में कार्यरत वरिष्ठ नौकरशाहों का भी कहना है कि सेवा संबंधी मामले अब भी उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं क्योंकि दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है। एक बड़े अधिकारी के हवाले से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की नियमित पीठ कई मुद्दों पर आखिरी फैसला करेगी। कुछ पूर्व अधिकारियों का कहना है कि पहले भी सरकारें नामों का सुझाव भेजती रही हैं लेकिन अंतिम फैसला एलजी ही लेते हैं क्योंकि ये उनके अधिकार क्षेत्र का मामला है।

कानून का राज स्थापित नहीं होगा-सिसोदिया

कानून का राज स्थापित नहीं होगा-सिसोदिया

जबकि सिसोदिया ने कहा कि अगर अधिकारी हमारा आदेश नहीं मानेंगे को कानून का राज किस तरह से स्थापित होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि केंद्र सरकार के पास सिर्फ तीन बातों पर अधिकार है, बाकि सारे मामलों में दिल्ली सरकार को फैसला लेने का अधिकार है। अगर अधिकारी इस तरह का व्यवहार करेंगे तो सिर्फ अफरातफरी मचेगी, कानून का राज स्थापित नहीं होगा।

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English summary
ruckus continues as Babus return AAP government’s order with hours of SC verdict
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