जींस पहनी महिलाओं को RTO ने नहीं दिया ड्राइविंग लाइसेंस, बताई ये वजह
नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अबतक जरूरी दस्तावेज और फीस की जरूरत पड़ती थी लेकिन, हाल ही में चेन्नई से एक हैरान कर देने वाला मामले सामने आया है। वहां ड्राइविंग टेस्ट देने पहुंची महिलाओं को सिर्फ इसलिए वापस जाने को कहा गया क्योंकि वह जींस, कैप्री और टॉप पहनकर आरटीओ ऑफिस आई थीं। चेन्नई में जींस पहनने पर लाइसेंस न देने का यह मामला अब तूल पकड़ चुका है, इस पर आरटीओ ने भी बयान देकर मामले को शांत करने की कोशिश की है।
महिलाओं ने लगाया ये आरोप
दरअसल, चेन्नई के तमिलनाडु में एक क्षेत्रीय परिवहन कर्यालय में युवतियां और महिलाएं जींस, कैप्री और टॉप पहनकर टेस्ट देने पहुंची थी। इन सभी ने आरोप लगाया कि उनके ऐसे कपड़े पहनने की वजह से उन्हें लाइसेंस देने से इनकार कर दिया गया। इस मामले को आग की तरह फैलने में देर नहीं लगी और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने चेन्नई आरटीओ की काफी निंदा की है। महिलाओं के इन आरोपों पर चेन्नई के केके नगर आरटीओ ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा कि, ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है।
आरटीओ ने आरोपों से किया इनकार
वहीं, केके नगर के मोटर व्हीकल इंस्पेटर ने कहा कि, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने आईं युवतियों के कपड़े उचित नहीं थे, उन्हें अगर ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए तो सलवार कमीज पहनकर आना होगा। उधर, आऱटीओ (पश्चिम) ने युवतियों के सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि, ड्रेस के चलते किसी भी महिला को वापस जाने के लिए नहीं कहा गया है। अधिकारी ने बताया की ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्रेस कोड जैसा कोई नियम नहीं है।
सभ्य कपड़े में आने की अपील
इस मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से कई यूजर्स ने महिलाओं का समर्थन किया है, खबर के सामने आने के बाद से अब एक नई बहस छिड़ गई है। आरटीओ अधिकारी ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आए महिला और पुरषों के लिए हमारी सलाह यही है कि वह सभ्य कपड़े पहन कर ही टेस्ट देने आएं। यह कोई कानून नहीं है लेकिन किसी अप्रिय घटना से पचने के लिए उचित ड्रेस में आने की अपील की गई है।