महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने को लेकर RTI दाखिल, उठाए गंभीर सवाल
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पाटिल के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद सोशल एक्टिविस्ट ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने को लेकर जानकारी के लिए आरटीआई दाखिल की है। साकेत गोखले नाम के सोशल एक्टिविस्ट ने सवाल खड़ा किया है कि आखिर कैसे इतने कम समय में राष्ट्रपति शासन को हटाया जा सकता है। गोखले ने बताया कि शनिवार को सुबह 5 बजे देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल के पास गए और तकरीबन 47 मिनट के बाद उन्हें राज्यपाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की इजाजत दे दी। इतने कम समय में राष्ट्रपति शासन को हटाया जाना असंभव है।
मांगी अहम जानकारी
गोखले ने उन लोगों की लिस्ट भी मांगी है जिन्हें शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक मिलने के लिए समय दिया गया। हमने देखा है कि कर्नाटक में विधायक राजभवन के बाहर इंतजार कर रहे थे और उन्हें पूर्व निर्धारित समय के मिलने के लिए समय दिया गया। गोखले ने कहा कि इन बातों की जानकारी बहुत जरूरी है ताकि महाराष्ट्र में सरकार गठन में पारदर्शिता बनी रहे। मेरे सवाल का जवाब जनहित को ध्यान में रखते हुए देना चाहिए।
उठाए गंभीर सवाल
सोशल एक्टिविस्ट ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में सरकार का गठन हुआ है उसमे कुछ असंवैधानिक है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ खास अधिकार का इस्तेमाल महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए किया है। अपने सोशल मीडिया हैंडल पर गोखले ने बताया कि राज्यपाल दिल्ली में राज्यपालों की कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए जाने वाले थे, उन्होंने आधी रात में इस कार्यक्रम को रद्द किया ताकि भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कराया जा सके। यह आदमी संवैधानिक पद पर बने रहने के लिए अयोग्य है।
विधायकों की परेड
बता दें कि इन सबके के बीच आज आप पहली बार हमारे सभी 162 विधायकों को ग्रैंड हयात होटल में शाम को 7 बजे देखेंगे, आईए और खुद महाराष्ट्र सरकार को देखिए। यहां अहम बात यह है कि विधायकों की परेड ऐसे वक्त की जा रही है जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट फ्लोर टेस्ट पर फैसला सुना सकती है।
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