NIA कोर्ट ने RTI एक्टिविस्ट अखिल गोगोई को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
नई दिल्ली। एनआईए की विशेष अदालत ने आरटीआई कार्यकर्ता और किसान नेता अखिल गोगोई को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 12 दिसंबर को देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किए गए अखिल गोगोई को 17 दिसंबर को 10 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया था। नागरिकता कानून के खिलाफ मुखर गोगोई पर लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के नेता अखिल गोगोई के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अवैध (गतिविधियां) रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गोगोई को जोहाट से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अदालत ने उन्हें एनआईए की हिरासत में भेज दिया था। गोगोई की हिरासत शुक्रवार को खत्म हो रही थी।
हिंदू नेताओं की हत्या की योजना बनाने वालों की धरपकड़ के लिए NIA का तमिलनाडु में छापा
एनआईए ने हालांकि, 10 दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए गोगोई को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गोगोई को गुवाहाटी की सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। गुरुवार को एनआईए की टीम ने असम पुलिस के साथ मिलकर गोगोई के दफ्तर और आवास पर छापेमारी की थी। गोगोई की पत्नी गीताश्री तमुली ने बताया है कि एनआईए के छापेमारी में अधिकारी कई फाइलें ले गए जिनमें से कुछ पर वे काम कर रहे थे।
NIA ने गोगोई के आवास और दफ्तर पर की थी छापेमारी
पत्नी ने बताया कि इसके अलावा एक पुराना लैपटॉप, जेल में रहने के दौरान लिखी गई उनकी डायरी और अन्य सामान भी अफसर ले गए। गोगोई ने नागरिकता संशोधन कानून का जमकर विरोध किया था। इस बीच, गोगोई की रिहाई की मांग को लेकर 27 दिसंबर को कई संगठनों द्वारा बुलाई गई राज्यव्यापी हड़ताल 30 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है।
NIA के दांवों पर जाकिर नाइक का जवाब, बोला - आतंकवाद से मेरे कनेक्शन का कोई ठोस सबूत नहीं