केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के विरोध में उतरा RSS का मजदूर संगठन, किया प्रदर्शन
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) आने के बाद लंबे समय तक लॉकडाउन लगा रहा, जिससे बहुत सी आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गईं। जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा। अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। इन्हीं में से एक है नए श्रम कानून को लाना। जिसका विरोध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) कर रहा है। संगठन ने इसके खिलाफ बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया है। नए श्रम कानूनों के विरोध में संगठन सड़क पर उतरा है।
भारतीय मजदूर संघ का ये आरोप है कि श्रम कानूनों में जो बदलाव लाए गए हैं, उनके लिए श्रम संगठनों की सहमति भी नहीं ली गई। इन्हें जल्दबाजी में लाया गया है। इसमें कई प्रावधान ऐसे हैं, जिनसे ना केवल मजदूरों का हित प्रभावित होगा बल्कि उनका भविष्य भी इससे प्रभावित होगा। इसलिए इन्हें वापस ले लिया जाए। इससे पहले संगठन ने केंद्र सरकार को चेतावनी भी दी थी। इसके साथ ही हाल ही में हुई एक राष्ट्रीय बैठक में संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के सामने भी इस मुद्दे को उठाया था। बीएमएस के शीर्ष अधिकारियों ने भागवत से कानूनों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
इसके बाद अब भारतीय मजदूर संघ ने सड़क पर उतरने का फैसला लिया। इसे लेकर जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह बैंस ने कहा कि पहले औद्योगिक नियोजन अधिनियम में 100 से कम कर्मी होने पर कंपनियों को ले ऑफ छंटनी और कारखाना बंदी के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं थी। लेकिन अब ये संख्या 300 कर दी गई है। जिससे कुछ भारी उद्योगों को छोड़कर बाकी कर्मचारी इससे प्रभावित होंगे। इससे लोगों की नौकरी भी असुरक्षित हो जाएगी।
सीएम
योगी
ने
कहा-
आज
से
15
साल
पहले
बिहार
के
युवा
अपनी
पहचान
छुपाने
के
लिए
मजबूर
थे