RSS के आर्मी स्कूल के फैसले पर बोले अखिलेश- सिखाए जाएंगे मॉब लिंचिंग के तौर-तरीके
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अगले साल अपना पहला आर्मी स्कूल खोलने जा रहा है, जिसमें सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक बच्चों की पढ़ाई होगी। वहीं, आरएसएस के आर्मी स्कूल खोलने के फैसले पर सियासत भी गरमाने लगी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरएसएस के आर्मी स्कूल खोलने के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए तीखा हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने उठाए आर्मी स्कूल खोलने के फैसले पर सवाल
अखिलेश यादव ने संघ के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, 'ये संदेह पैदा करने वाला है, इसपर 40 करोड़ का खर्च आएगा। इतने स्कूल होने के बावजूद राष्ट्रीय धारा से अलग सैनिक स्कूल खोलने का क्या औचित्य है।' उन्होंने कहा कि राजस्थान और कर्नाटक में दो-दो सैनिक स्कूल जबकि हिमाचल प्रदेश में एक सैनिक स्कूल संचालित हो रहा है। इनके अलावा यूपी में भी 4 सैनिक स्कूल हैं।
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इन स्कूलों में मॉब लिंचिंग के तरीके सिखाए जाएंगे- अखिलेश
अखिलेश यादव ने संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी जानते हैं कि उनकी विचारधारा लोगों को बांटने वाली है। उन्होंने आजादी की जंग में भी नकारात्मक भूमिका निभाई। अखिलेश ने हमला बोलते हुए कहा कि आरएसएस अगर स्कूल खोलेगी तो वहां मॉब लिंचिंग और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के तरीके ही सिखाए जाएंगे। उनका इसमें कुछ छिपा हुआ एजेंडा है। अखिलेश ने कहा कि पहले गृहमंत्री के आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के पीछे यही कारण था। प्रतिबंध हटने के बाद, उन्होंने अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अलग-अलग विंग बनाए, यह एक राष्ट्रीय साजिश है।
आरएसएस खोलने जा रहा पहला आर्मी स्कूल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन आर्मी स्कूलों को आरएसएस की शाखा विद्या भारती द्वारा संचालित किया जाएगा और स्कूल का नाम आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर रखा जाएगा। आर्मी स्कूल का नाम होगा 'रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर'। इस स्कूल में 6वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र होंगे। यह स्कूल यूपी के बुलंदशहर जिले के शिकारपुर में स्थापित होगा। बता दें कि साल 1922 में शिकारपुर में ही राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया का जन्म हुआ था।