अयोध्या मामले पर 6 अगस्त से रोज सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर RSS ने क्या कहा
नई दिल्ली। अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए बनाई गई मध्यस्थता समिति किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर छह अगस्त से हर रोज सुनवाई करने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को बताया है कि मध्यस्थता पैनल विवाद सुलझाने में नाकाम रहा, पैनल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने स्वागत किया है।
RSS ने फैसले का किया स्वागत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, "हम अयोध्या मामले पर 6 अगस्त से रोज सुनवाई करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमें भरोसा है कि एक निश्चित समय के अंदर लंबित मामला सुलझ जाएगा और राम मंदिर का निर्माण जल्द होगा।" बता दें सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद को सभी पक्षों से बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए 8 मार्च को मध्यस्थता समिति बनाई थी।
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'जल्द होगा राम मंदिर का निर्माण'
मध्यस्थता समिति में पूर्व जस्टिस एफएम कलीफुल्ला, श्री श्री रविशंकर और सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल थे। कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए पहले 8 हफ्तों का वक्त दिया गया था, फिर समय को बढ़ाकर 13 हफ्ते कर दिया गया था। एक अगस्त को तीन सदस्यों वाले इस मध्यस्थता पैनल ने अपनी सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी थी। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस पर सुनवाई की।
मध्यस्थता पर नहीं बनी बात, 6 अगस्त से रोज सुनवाई
अयोध्या मामले पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को कहा कि मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट हमने देख ली है। इस मामले का अंतिम समाधान नहीं निकाल पाया है। अब हम 6 अगस्त से इस केस की नियमित सुनवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि अब मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है।