संघ ने बनाया 2019 में मोदी की जीत का एजेंडा, ग्रामीण भारत पर है नजर
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जिस गति से संघ शहरों में फैल रहा है वह गांवों की अपेक्षा ज्यादा है
नई दिल्ली। आरएसएस की नजर ग्रामीण भारत पर है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले दिनों में RSS ग्रामीण इलाकों से ज्यादा से ज्यादा स्वयंसेवकों को संगठन में शामिल करने के सिलसिले को जारी रखेगा। संघ परिवार अपनी पैठ निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ा रहा है। विहिप समेत कई फ्रंटल संगठनों ने भी इस बार अपने संगठन को ग्राम पंचायत स्तर तक विस्तार दिया है। संगठन की इकाइयां खड़ी की हैं। शहरी और उच्च वर्ग की पार्टी मानी जाने वाली भाजपा के लिए भी चुनावी वर्ष में यह एजेंडा फायदेमंद साबित हो सकता है।
संघ की ओर से आयोजित दो दिवसीय 'समरसता संगम' के उद्घाटन सत्र में RSS प्रमुख ने स्वयंसेवकों से गांवों में जाने की अपील की और अधिक से अधिक युवा शक्ति को संगठन से जोड़ने को कहा। उन्होंने स्वयंसेवकों से बैठकों के दौरान संघ के यूनिफॉर्म में आने की अपील की। उन्होंने कहा कि 45 लाख लोगों के इस जिले में 8 रजिस्ट्रेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां स्वयंसेवकों के नाप के अनुसार यूनिफार्म तैयार किए जा रहे हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जिस गति से संघ शहरों में फैल रहा है वह गांवों की अपेक्षा ज्यादा है। अधिक से अधिक ग्रामीण युवा संगठन से जुड़ें, संघ इसके लिए प्रयास करें। आधुनिकीकरण के बावजूद, आज भी भारत की आत्मा गांवों में ही बसती है। मोदी सरकार का ध्यान भी कृषि पर केंद्रित है और आरएसएस भी ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि 2019 के चुनाव तक गांवों में हर मतदान बूथ तक संघ के स्वयंसेवक पहुंच सके।
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