'नहीं थमी मोदी लहर, आरक्षण पर अफवाहों से हुआ नुकसान', संघ के मुखपत्र का आंकलन
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS)के मुखपत्र पांचजन्य में विधानसभा चुनाव में हुई बीजेपी की करारी हार का आंकलन किया गया है। आंकलन में कहा गया है कि है कि राम मंदिर, गोवंश, अनुच्छेद 370 और 35 ए, ये सब विकास के मुद्दे नहीं हो सकते हैं लेकिन बीजेपी के घोषणापत्र के अभिन्न अंग हैं जिनके साथ बीजेपी समर्थकों की भावनाएं गहराई से जुड़ी हुई हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि हालिया विधानसभा चुनाव परिणाम 'मोदी विरोधी' भावना नहीं हैं। बल्कि आरक्षण के मुद्दे पर झूठी कथाओं की वजह से लोगों में गुस्सा था।
लोग इसे मोदी की हार और राहुल की जीत बता रहे
आंकलन में कहा गया है कि कुछ लोगों ने इस चुनाव परिणाम को मोदी सरकार के अंत की शुरुआत के रुप में पेश करना शुरू कर दिया है और कुछ लोग इसे राहुल गांधी की जीत बता रहे हैं, असल में चुनाव परिणामों ने राजनीतिक दलों, पोलोस्टार और राष्ट्र के रूप में और सवाल उठाए हैं। इसके साथ-साथ संपादकीय में कहा गया है कि क्या संबंधित पार्टियां, पंडित और 'हम लोग' भविष्य के लिए संख्याओं से परे संदेश पढ़ने के लिए तैयार हैं।
चुनाव में मोदी विरोधी लहर नहीं थी
मुखपत्र के आंकलन में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव परिणाम का संदेश बीजेपी के लिए जटिल है लेकिन अभी भी स्पष्ट है। इसके अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी ने सत्ता जरूर गंवा दी है लेकिन जिस तरह से पार्टी ने प्रदर्शन किया है उससे ये साफ हो जाता है कि चुनाव में मोदी विरोधी भावना नहीं थी। इसके अलावा कृषि संकट की बात सही है लेकिन इस चुनाव परिणाम के पीछे यह मुख्य कारण नहीं है। अगर ऐसा होता तो बीजेपी को ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 50 प्रतिशत जीत नहीं मिलती।
आरक्षण मुद्दे ने बीजेपी को पहुंचाया नुकसान
बीजेपी को आरक्षण मुद्दे पर दोनों पक्षों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। मुखपत्र में यह जरूर कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में राजस्थान के शेखावती क्षेत्र, मध्य प्रदेश के महाकौशल और छत्तीसगढ़ के सेंटर में भाजपा को हुए नुकसान ने कुछ संकेत जरूर दिए हैं। भाजपा के वोट कांग्रेस के पक्ष में चले और भाजपा के समर्थक चुप रहे। इसके साथ-साथ मुखपत्र में कहा गया है कि पीएम मोदी और उनकी विकास नीतियां बीजेपी के लिए वोट जोड़ने वाली जरूर है लेकिन मूल तो हिंदुत्व है।