RSS की मीडिया इकाई ने 'एंटी नेशनल' का तमगा बांटने वाले समूह को दिया पत्रकारिता सम्मान
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मीडिया इकाई ने एक देशद्रोहियों को निशाना बनाने वाली एक संस्था को सोशल मीडिया जर्नलिज्म के लिए अवार्ड दिया है। आरएसएस से संबद्द संस्था इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र ने पिछले शनिवार को 'एंटी नेशनल' लोगों की पहचान करने वाले समूह 'क्लीन द नेशन' (सीटीएन) को ये अवार्ड दिया है। सीटीएन समूह 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद सक्रिय हुआ था। इस अवार्ड समारोह में आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद रहे। उनकी मौजूदगी में ये सम्मान दिए गए।
आरएसएस ने सीटीएन को किया सम्मानित
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मुताबिक आरएसएस से संबद्द संस्था आईवीएसके ने सीटीएन को सोशल मीडिया जर्नलिज्म अवॉर्ड से सम्मानित किया है। इस समूह को एंटी नेशनल लोगों की पहचान करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। इन लोगों का दावा है कि इनकी वजह से कई एंटीनेशनल लोगों पर कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा कि उनकी मुहिम की वजह से गुवाहाटी कॉलेज के एक अंसिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित हुए। राजस्थान यूनिवर्सिटी ने चार कश्मीरी छात्रों को निलंबित किया। ये सभी कश्मीरी लड़किया थी।
फेसबुक के जरिए इकठ्ठा करते हैं सूचना
इंडियन एक्सप्रेस ने जब इन अथॉरिटीज और अधिकारियों से बातचीत की तो, कुछ ने बताया कि उन्होंने अपनी कार्रवाई वापस ले ली है और अभी तक किसी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आतंकी हमले के बाद कई कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया था। इस वजह से कई कश्मीरी छात्रों ने कॉलेज छोड़ा था। उसके बाद गठित समूह सीटीएन को पिछले शनिवार को सोशल मीडिया पत्रकारिता नारद सम्मान से सम्मानित किया गया। ये कार्यक्रम नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया गया। इस संगठन के मधुर सिंह ने बताया कि उनकी टीम फेसबुक के जरिए सूचना इकट्ठा करती है क्योंकि वहां से स्थान की निजी जानकारी का ब्यौरा मिल जाता है।
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'ये समूह देश से प्यार करता है'
आरएसएस से संबद्ध संस्था इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के सचिव वागीश इस्सार ने कहा कि हमने उन्हें अवॉर्ड इसलिए दिया, क्योंकि हमने पाया कि यह समूह देश से बहुत प्यार करता है। कई लोग देश से प्यार करते हैं लेकिन कुछ लोग सक्रिय रूप से देश से प्यार करते हैं। पुलवामा हमले के एक दिन बाद नौ लोगों ने सीटीएन नाम से इस फेसबुक ग्रुप की शुरुआत की थी।अगले कुछ दिनों में इन्होंने ने 4,500 से अधिक सदस्य होने का दावा किया। हालांकि फेसबुक और ट्विवटर ने कई बार सीटीएन के हैंडल ब्लॉक किए। मौजूदा वक्त में ट्विटर में इनके 7812 फॉलोवर हैं। सीटीएन के कोर सदस्यों का कहना है कि उनकी इस ऑनलाइन मुहिम से देशद्रोहियों के खिलाफ 45 कार्रवाइयां हुई हैं।