RSS की पत्रिका ने अमेजन को बताया 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0', प्राइम वीडियो की भी आलोचना
नई दिल्ली, 27 सितंबर: पिछले काफी दिनों से ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन विवादों में है, क्योंकि उसके वकीलों पर भारतीय अफसरों को घूस देने का आरोप लगा है। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका 'पांचजन्य' ने अमेजन का जिक्र किया। साथ ही उसे ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 करार दिया। पत्रिका ने लिखा कि उसके वकील कंपनी के अनुकूल सरकारी नीतियां चाहते हैं, जिस वजह से उन्होंने करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए। कंपनी का ये कदम उचित नहीं है।
पत्रिका में 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' नाम से पूरा आलेख छापा है। जिसमें कहा गया कि 18वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में जो कुछ किया था, वही चीज आज अमेजन की गतिविधियों में दिख रही है। वो भारतीय बाजार में अपना पूरा एकाधिकार चाहती है, जिस वजह से उसने भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कब्जा करने के लिए पहल करनी शुरू कर दी है।
शॉपिंग प्लेटफॉर्म के अलावा अमेजन के वीडियो प्लेटफॉर्म की भी जमकर आलोचना पत्रिका में की गई। लेख में लिखा गया कि जो फिल्में और वेब सीरीज अमेजन प्राइम पर रिलीज हो रही हैं, वो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं। आरएसएस की इस टिप्पणी को काफी अहम माना जा रहा है। उसकी ये पत्रिका 3 अक्टूबर को बाजार में आएगी।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच के खिलाफ अब अमेजन भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
सरकार
कर
रही
इस
मामले
की
जांच
वैसे
अभी
ये
पता
नहीं
कि
अमेजन
ने
रिश्वत
कहां,
कब
और
किसे
दी।
बस
इतनी
जानकारी
है
कि
अमेजन
लीगल
फीस
के
रूप
में
8500
करोड़
रुपये
खर्च
कर
रहा
है।
ये
सोचने
वाली
बात
है
कि
ये
पैसा
आखिर
जा
कहां
रहा
है?
कुछ
रिपोर्ट्स
में
कहा
गया
कि
ऐसा
लगता
है
कि
ये
पूरी
प्रणाली
रिश्वत
के
लिए
काम
करती
है।
हालांकि
भारत
सरकार
ने
भी
इसे
गंभीरता
से
लिया
है।
साथ
ही
मामले
की
जांच
शुरू
कर
दी
है।
वहीं
दूसरी
ओर
विपक्ष
ने
भी
इस
मुद्दे
को
लेकर
सरकार
को
घेरा
था।