क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार बीबीसी के सवालों पर भड़के

हाल ही में अलवर में रकबर की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार का अख़बारों में आया बयान विवाद का एक बड़ा मुद्दा बना.

उन्होंने अपने बयान में कहा था कि अगर लोग गोमांस खाना छोड़ दें तो मॉब लिंचिंग की वारदातें बंद हो जाएंगी.

क्या इसका मतलब ये हुआ कि जब तक लोग गोमांस खाते रहेंगे, इसकी वजह से हत्याएं भी होती रहेंगी?

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
आरएसएस
BBC
आरएसएस

हाल ही में अलवर में रकबर की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार का अख़बारों में आया बयान विवाद का एक बड़ा मुद्दा बना.

उन्होंने अपने बयान में कहा था कि अगर लोग गोमांस खाना छोड़ दें तो मॉब लिंचिंग की वारदातें बंद हो जाएंगी.

क्या इसका मतलब ये हुआ कि जब तक लोग गोमांस खाते रहेंगे, इसकी वजह से हत्याएं भी होती रहेंगी?

रकबर की हत्या से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र को मॉब-लिंचिंग(भीड़ द्वारा हत्या) की रोक थाम और इस सिलसिले में एक नया क़ानून पारित करने का भी आदेश दिया था.

आरएसएस के वरिष्ठ नेता के इस विवादास्पद बयान की पुष्टि के लिए और उनके विचार को समझने के लिए मैं उनसे मिलने दिल्ली में उनके दफ़्तर-नुमा घर गया.

मैं इंटरव्यू से पहले उनसे एक बार मिला था, क़रीब दो साल पहले. इंटरव्यू से दो दिन पहले उनसे फ़ोन पर लंबी बातचीत भी हुई.

आरएसएस
BBC
आरएसएस

मुलाक़ात के दौरान मैंने अपनी मर्यादा में रह कर ही बात की. लेकिन मेरे पहले सवाल के बाद ही वो बोलने लगे कि मैं वो ज़ुबैर नहीं जो फ़ोन पर समझ में आ रहे थे. मैं वो हूँ जो साम्प्रदयिक लोगों की श्रेणी में आता हूँ.

उन्होंने मुझे साम्प्रदायिक कहा, इंटरव्यू छोड़ देने की बात कही. बीबीसी को देश के टुकड़े करने की कोशिश करने वाली संस्था बताया.

ख़ैर, मेरा उनसे पहला सवाल था कि क्या उनके इस बयान से मॉब-लिंचिंग को बढ़ावा नहीं मिलेगा?

इंद्रेश कुमार ने झारखण्ड की एक सभा में दिए अपने बयान पर सफ़ाई दी और कहा, "आज मॉब लिंचिंग और गाय को लेकर तीन पक्ष हैं. पहला पक्ष वो है जो गाय को लेकर लोगों का दिल दुखाते हैं. उनकी भावना को ठेस पहुंचाते हैं और वो ये मानते हैं कि लोगों का दिल दुखाना, ठेस पहुँचाना उनका अधिकार है."

आरएसएस
BBC
आरएसएस

उन्होंने कहा कि किसी का दिल दुखाना एक प्रकार की बड़ी हिंसा है. मतलब ये कि गोमांस खाना हिंसा है.

ये ठेस पहुँचाने वाले कौन हैं? ज़ाहिर है वो गोमांस खाने वाले हैं. मैंने जब ये पूछा कि क्या उनका इशारा मुसलमानों की तरफ़ है तो उन्होंने कहा ये एक सांप्रदायिक सवाल है.

उनके मुताबिक़ उन्होंने अपने भाषण में किसी समुदाय का नाम नहीं लिया था जो मॉब लिंचिंग पर उतारू हो जाते हैं.

राजनाथ के बयान पर जुनैद की मां को 'भरोसा नहीं'

भारत में मॉब लिंचिंग को ऐसे देख रहा विदेशी मीडिया

आरएसएस
Reuters
आरएसएस

'राजनेता आग में घी डालते हैं'

इंद्रेश कुमार, आरएसएस के मुस्लिम अंग समझे जाने वाले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सरपरस्त हैं. वे कहते हैं कि मॉब लिंचिंग करने वाले वो हैं जिनको गोमांस खाने के कारण ठेस पहुँचती है, जिनका दिल दुखता है.

इंद्रेश कुमार कहते हैं, "दूसरा समूह वो है जो इस दिल दुखाए जाने से बड़े रोष में आता है और फिर आक्रामक और हिंसक हो जाता है." उनका इशारा गोरक्षकों की तरफ़ था.

वो बोलते रहे, "और एक तीसरा वर्ग है जिसमें राजनेताओं की भरमार ज़्यादा है. वो वोट बैंक की राजनीति को लेकर इसमें घी डालकर भड़काने का काम करते हैं, समझाने कि बजाय भड़काने का काम करते हैं."

मैंने पूछना चाहा कि क्या वे गोरक्षकों की हिंसा की निंदा करते हैं?

लेकिन सवाल नज़रअंदाज़ करके वो कहने लगे, "तीनों प्रकार की हिंसा निंदनीय हैं और इसलिए इन तीनों प्रकार के लोगों से मेरा निवेदन है कि वो अपनी-अपनी हिंसा को छोड़ें."

आरएसएस
BBC
आरएसएस

'इस्लाम में गोमांस खाना हराम है'

मैंने पूछा कि क्या आप बीफ़ खाने के चलते हो रही मॉब लिंचिंग को उचित ठहरा रहे हैं? वो भड़क कर बोले, "आपका प्रश्न मूर्खतापूर्ण है, अनैतिक है. इसका अर्थ नहीं है कि मैं बढ़ावा दे रहा हूँ. इसका अर्थ है कि आप अपने प्रश्न से दिल दुखाने वालों को बढ़ावा दे रहे हैं कि दूसरे धर्म का अपमान करो, दूसरों की भावनाओं को कुचलो. इसलिए हिंसा मैं नहीं भड़का रहा हूँ आपका सवाल उस हिंसा का बचाव कर रहा है जिससे दूसरों का दिल दुखाया जाता है."

इंद्रेश कुमार ने ये भी दावा किया कि इस्लाम और ईसाई धर्म में गोमांस खाना हराम है.

वो कहते हैं, "मक्का और मदीना शरीफ़ में आज तक गाय का वध नहीं हुआ. वहां वध करना, गोश्त बेचना और ख़रीदना अपराध माना जाता है."

मैंने जब उनसे ये कहा कि वहां गाय खाना अपराध नहीं माना जाता है. वहां गाय की जगह ऊँट और दुम्बे (भेड़ जैसे जानवर) का मांस खाया जाता है तो उनका कहना था, "आपको मालूम नहीं है. कुछ है या नहीं है लेकिन ये अपराध की श्रेणी में आता है."

'मैं कहूंगा आप यहाँ से चले जाएँ'

मैंने पूछा आप यक़ीन के साथ ये कह रहे हैं, ये बात कन्फर्म है?

वो और उत्तेजित हो कर बोले, "एक बात पक्की मान कर चलो मैं ना आपकी तरह मिलावट करता हूँ, ना झूठ बोलता हूँ, ना उकसाता हूँ, ना ग़लत बोलता हूँ. इसलिए जो मुझसे पूछेगा कि क्या ये कन्फर्म है तो मैं उससे कहूंगा आप यहाँ से चले जाएँ क्योंकि आप इंटरव्यू करने लायक़ नहीं हैं."

मैंने कहा कि जिसका दिल अगर टूटा या ठेस पहुंची वो क़ानून का सहारा ले सकता है, हिंसा पर उतारू होना तो सही नहीं है. इस पर उन्होंने कहा, "आप क़ानून तोड़ेंगे (ठेस पहुंचाकर)? किसी का दिल नहीं दुखाना भी तो क़ानून है, तो क्यों दिल दुखाया जाता है?"

उन्होंने ये भी माना कि गोरक्षकों को हिंसा नहीं करनी चाहिए.

मैंने उनसे कहा कि अपने समाज में बीफ़ सभी मज़हब के लोग खा रहे हैं. लेकिन गोमांस खाने के आरोप में अधिकतर मुसलमानों की मॉब लिंचिंग क्यों हो रही है?

उन्होंने कहा, "इसे सांप्रदायिक रूप नहीं दीजिए. इसे संवाद का मुद्दा बनाइए. जो इस बहस में दिल दुखाने वालों का साथ देंगे वो संविधान के साथ क्रूर मज़ाक़ कर रहे हैं, अनैतिक और अमानवीय हैं. वो एंटी-हिन्दू हैं, एंटी-मुस्लिम हैं और एंटी-ईसाई हैं."

'डोंट बी कम्युनल'

मैंने उनसे कहा कि केरल, गोवा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी और आरएसएस के कई लोग मांस, गोमांस खाते हैं. मैंने उन्हें याद दिलाया कि 2017 में केरल के एक उपचुनाव में बीजेपी के एक उम्मीदवार ने चुनाव जीतने पर बीफ़ की सप्लाई जारी रखने का वादा किया. मैंने पूछा कि ये आपकी दोहरी नीति नहीं है?

इस पर इंद्रेश कुमार बोले, "मैं केवल एक ही पार्टी का उदाहरण क्यों दे रहा हूँ. मैं आज़म खान, असदुद्दीन ओवैसी और राहुल गांधी के नाम क्यों नहीं ले रहा हूँ जो उनके अनुसार गोमांस खाने वालों को प्रोत्साहित करते हैं."

धीरे-धीरे लगा कि उनका ग़ुस्सा बढ़ रहा है और मैं कभी भी कमरे और इमारत से निकाला जा सकता हूँ. आगे सवाल करने पर उनका सब्र का पैमाना लबरेज़ हो चुका था.

वो बोले, "आप सेलेक्टिव हो रहे हैं. डोंट बी कम्युनल (सांप्रादियक न बनो). बीबीसी में नौकरी करते हैं. बीबीसी देश को तोड़ने के लिए कुछ धंधा करती होगी, आप उसकी एजेंसी क्यों बनते हो दोस्त?"

मैंने आखिर में उनसे जानना चाहा कि गाय की पवित्रता पर बहस हज़ारों साल से चली आ रही है. पहले हिंसा क्यों नहीं होती थी?

तो वो बोले, "पहले लोग दिल दुखाने वाली हिंसा नहीं करते थे, बातचीत और संवाद करते थे. इसलिए सभी धर्मों के लोगों में संवाद की परंपरा थी."

आधे घंटे से अधिक समय तक चले इस इंटरव्यू के बाद मेरे विचार ये थे कि वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के मुताबिक 'बीफ़ खाना छोड़ो नहीं तो मॉब लिंचिंग जारी रहेगी. गोमांस खाना अपराध है और ये मॉब लिंचिंग करने वालों को भड़काने का काम करता है.'

मोदी राज में 'जीने का अधिकार' गायों के लिए: ओवैसी

व्हाट्सऐप ने मैसेज फॉरवर्ड करने पर लगाई पाबंदियां

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
RSS leader Indresh Kumar raises questions on BBC
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X