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जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर क्या बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छे 370 को हाटाने वाले मोदी सरकार के फैसले का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने स्वागत किया है। सरसंघचालक मोहन भागवत ने सरकार के इस फैसले को साहसपूर्ण कदम बताते हुए स्वागत किया है। आरएसएस प्रमुख की ओर से ट्विटर के जरिए जारी किए बयान में कहा गया है कि सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं। यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था। सभी को अपने स्वार्थों एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिये।

सभी को इस फैसले का स्वागत और समर्थन करना चाहिए

सभी को इस फैसले का स्वागत और समर्थन करना चाहिए

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा है कि यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था। सभी को अपने स्वार्थों एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिये। बता दें कि सोमवार को कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद गृहमंत्री राज्यसभा पहुंचे। जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया। अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

लद्दाख बना केंद्र शासित प्रदेश

लद्दाख बना केंद्र शासित प्रदेश

इसके अलावा मोदी सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करते हुए केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। गृहमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा रहेगी लेकिन उसे भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

क्या है अनुच्छेद 370?

क्या है अनुच्छेद 370?

जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसका मसौदा जम्मू-कश्मीर की सरकार ने ही तैयार किया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है।

यह भी पढें- जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले पर बोले परेश रावल- अब कोई बीमार नहीं पड़ेगा

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English summary
RSS Chief Mohan Bhagwat reaction on end of Article 370 in Jammu Kashmir
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